जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार, 8 जून को गोली मार हत्या (Shinzo Abe shooting) कर दी गयी. 67 वर्षीय शिंजो आबे का काशी से दिल का नाता था. वह पहली बार सन 2015 में काशी आए थे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उन्हें वाराणसी (Varanasi) के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती दिखाई थी. मोदी ने इस यात्रा में शिंजो को काशी का महात्म्य भी समझाया था. आज से 7 साल पहले पद्म विभूषण शिंजो आबे गंगा आरती को एकटक देखते रह गए थे.
उन्होंने काशी नगरी को रुद्राक्ष भेंट किया था. जो भारत जापान के मित्रता को और मजबूत कर गया. शुक्रवार सुबह जैसे ही शिंजो पर हुए हमले की जानकारी काशी वासियों को हुई तो सब उनकी सलामती की दुआ मांगने लगे. हालांकि शिंजो बच न सके.
पीएम मोदी के अभिन्न मित्रों में एक थे शिंजो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिन्न मित्रों में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री पद्म विभूषण शिंजो आबे का नाम भी शुमार है. काशी आने के बाद से उनका खास नाता हो गया था. 12 दिसंबर 2015 की शाम प्रधानमंत्री मोदी जापान के पीएम शिंजो आबे को लेकर काशी आए थे. शिंजो आबे दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती को एकटक देखते रह गए थे.
पीएम मोदी ने गंगा आरती के दौरान ही उन्हें यहां के 84 घाटों, भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ सहित काशी का महात्म्य समझाया था. पीएम मोदी और शिंजो आबे की करीबी के चलते ही दोनों देशों की मित्रता के प्रतीक के रूप में जायका (जापान इंटरनेशन कोऑपरेशन एजेंसी) की तकनीकी मदद से सिगरा में रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बना. जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मारे जाने की घटना से पीएम मोदी समेत काशी के लोग खासे दुखी थे. काशीवासियों ने भी उनकी सलामती की दुआ की.
गंगाजल लेकर वैश्विक शांति की कामना करते दुनिया ने देखा था शिंजो को
काशी में विश्व के दो बड़े नेताओं को हाथ में गंगाजल लेकर वैश्विक शांति की कामना करते हुए देखा था. दोनों ने एक साथ वाराणसी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर शानदार सूर्यास्त गंगा आरती में भाग लिया था, जिससे दोनों देशों के बीच पारंपरिक सांस्कृतिक संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हुआ.
पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के वक्त जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ सेल्फी ली थी.
क्योटो और काशी के बीच पार्टनर सिटी समझौते की नीव थी तय
काशी को क्योटो बनाने का सपना भले ही पूरा न हो सका हो, लेकिन इसकी नीव दोनों नेताओं ने डाली थी. मोदी के संसदीय क्षेत्र के घाट पर शिंजो ने लगभग 45 मिनट बिताए थे, जहां गंगा आरती के दौरान शिंजो ताली बजाते हुए अभिभूत नजर आए थे.
शिंजो के स्वागत के लिए काशी को दुल्हन की तरह सजाया गया था. क्योंकि क्योटो और काशी के बीच पार्टनर सिटी समझौते की नीव यहीं से रखी जानी थी, जिस पर साल 2014 अगस्त में मोदी के जापान यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे.
(इनपुट- चंदन पांडेय)
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