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Shrikant Tyagi केस: BJP के खिलाफ क्यों गोलबंद हो रहे UP के त्यागी?

Shrikant Tyagi Case:21 अगस्त को संयुक्त त्यागी स्वाभिमान मोर्चा के बैनर तले त्यागी बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.

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भारत
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नोएडा (Noida) के ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी (Grand Omaxe Society) में महिला के साथ बदसलूकी वाले विवाद में बीजेपी सांसद महेश शर्मा (Mahesh Sharma) अब घिरते हुए नजर आ रहे हैं. 6 और 7 अगस्त को सोसाइटी में हुए घटनाक्रम के बाद यह विवाद सत्ता के गलियारों से होते हुए राजनीतिक रंग ले चुका है और आंदोलन के रूप में पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सड़कों पर है. महिला से बदसलूकी करने के आरोपी श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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गिरफ्तारी के बाद त्यागी समाज के कई संगठन एकजुट होने लगे हैं. अब वो श्रीकांत त्यागी और उसके परिवार के साथ पुलिस के बर्ताव और पूरी घटना को कथित तौर पर राजनीतिक रंग देने के लिए आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं.

बीजेपी सांसद महेश शर्मा जो घटना के दिन उत्तर प्रदेश प्रशासन के आला अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाते हुए नजर आ रहे थे वो त्यागी समाज के कड़े रुख के बाद अब बैकफुट पर हैं. सूत्रों की मानें तो बदलते समीकरण को भांपते हुए बीजेपी सांसद महेश शर्मा अब त्यागी समाज के बड़े नेताओं को मनाने में जुट गए हैं, जिसका ताजा उदाहरण सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक ऑडियो क्लिप है. इसमें महेश शर्मा पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक त्यागी नेता से बात कर रहे हैं.

श्रीकांत त्यागी को जेल भिजवाने में अहम भूमिका निभाने वाले सांसद महेश शर्मा अब जेल भेजे जा चुके श्रीकांत और उनके समर्थकों की पैरवी करते हुए नजर आ रहे हैं.

बीजेपी सांसद महेश शर्मा ने एक पत्र लिखकर अपील भी की कि उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि श्रीकांत त्यागी के परिवार के साथ उनकी पूरी सहानुभूति है. त्यागी समाज हमेशा से उनका और बीजेपी का समर्थक रहा है.

उन्होंने एक भी शब्द त्यागी समाज के खिलाफ नहीं बोला है. हालांकि सांसद महेश शर्मा का पत्र के माध्यम से मरहम लगाने की कवायद का कोई खास असर त्यागी समाज पर नहीं दिख रहा है. वो आंदोलन की रणनीति तैयार करने में लगा हुआ है.

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अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागीयों के संख्या बल की बात करें तो यह समाज एकजुट होकर भी बहुत बड़ा चुनावी उलटफेर नहीं कर सकता है लेकिन तकरीबन 12 से 15 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें त्यागी वोटर चुनाव के नतीजों पर प्रभाव डाल सकते हैं.

शायद यही कारण है कि 2024 के आम चुनाव से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों का गुस्सा झेल रही भारतीय जनता पार्टी अब एक और जाति को अपने से अलग होते हुए नहीं देखना चाहेगी. अंदर खाने बीजेपी नेताओं द्वारा त्यागियों को समझाने बुझाने की कोशिश जारी है लेकिन खुलकर अभी तक कोई बड़ा बीजेपी नेता सामने नहीं आया है.

आंदोलन पर आमादा त्यागी समाज का आरोप है कि श्रीकांत त्यागी मामले में नेताओं की कथित अनर्गल बयानबाजी और मीडिया ट्रायल से पूरे समाज के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है.

बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच नोएडा के ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में श्रीकांत त्यागी ने जिस महिला से बदसलूकी की थी उसका एक वीडियो बयान भी सामने आया है, जिसमें वह अपील कर रही है इस घटना की वजह से किसी एक जाति या पार्टी को दोष ना दिया जाए.
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आंदोलन की तैयारी में त्यागी समाज

आने वाले 21 अगस्त को संयुक्त त्यागी स्वाभिमान मोर्चा के बैनर तले त्यागी बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. मोर्चे के पदाधिकारियों की मानें तो आंदोलन में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के त्यागी हिस्सा ले सकते हैं. अगर ये आंदोलन बड़ा रूप लेता है तो निश्चित तौर पर बीजेपी को इससे राजनीतिक हानी होनी है.

किसान आंदोलन की वजह से पश्चिम में धूमिल हुई छवि को सुधारने में लगी बीजेपी किस तरीके से इस नई चुनौती से निपटेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन तारीख त्यागी समाज की दलीलों को भी दर्ज करेगा कि जो वो अपने समुदाय के महिला को भद्दी-भद्दी गालियों और धमकियों के गुनहगार के बचाव में देता है.

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