कर्नाटक में वोट की लड़ाई के बाद अब कुर्सी की लड़ाई जारी है. मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर तीन दिन से चिंतन और मंथन- पहले बेंगलुरू में हुआ और अब दो दिन से दिल्ली में, जारी है. कर्नाटक का किंग कौन होगा? इसकी तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. लेकिन सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार में से ही कोई होगा, इसकी संभावना ज्यादा प्रबल है. लेकिन कांग्रेस के मुख्यमंत्री की खोज, अब तक कहां पहुंची, आइये आपको बताते हैं-
ANI के अनुसार, मंगलवार, 16 मई को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर मिलने पहुंचे हैं तो वहीं, डीके शिवकुमार की खड़गे (घर पर) से मुलाकात हो रही है.
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की. इस बैठक में कर्नाटक सीएम को लेकर चर्चा हुई. लेकिन कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अब तक सहमति नहीं बन पायी है.
इस बीच, कर्नाटक पीसीसी चीफ डीके शिवकुमार भी मंगलवार को दिल्ली पहुंच चुके हैं. उन्होंने दिल्ली में अपने भाई डीके सुरेश (सांसद) के आवास से निकलते हुए ANI से कहा, "मैं सभी नेताओं से मुलाकात करूंगा. पहले मुझे कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात करनी है."
कुछ लोग अफवाह उड़ा रहे हैं कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं. ये बकवास है. मेरी पार्टी मेरी मां है. हमारे सभी विधायक साथ हैं.डीके शिवकुमार, कर्नाटक PCC चीफ
वहीं, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 15 मई से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के सभी नव निर्वाचित विधायक भी दिल्ली पहुंच चुके हैं और वो खड़गे से मुलाकात करेंगे.
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो, देर शाम तक कर्नाटक के नए सीएम का ऐलान होने की संभावना है.
द क्विंट की खबर के अनुसार, सिद्धारमैया के पास अधिक विधायकों का समर्थन है, ऐसे में उनकी दावेदारी डीके की अपेक्षा ज्यादा मजबूत मानी जा रही है. इस बीच, कर्नाटक में मुख्यमंत्री को लेकर कई तरह की मांगें भी सामने आई हैं. जैसे-
क्या मांग की जा रही है?
लिंगायत संगठन वीरशैव महासभा ने लिंगायत सीएम की मांग की है, जबकि दलित नेताओं ने एक प्रमुख दलित नेता जी परमेश्वर को सीएम बनाने की मांग की है.
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा है कि एक मुस्लिम को कर्नाटक का उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर सादी का वीडियो साझा किया, जिसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा कि सफी को बीजेपी ने नियुक्त किया था और वह "भाजपा के मोहरे" के रूप में काम कर रहे हैं.
इससे पहले रविवार, 14 मई की शाम कर्नाटक के एक होटल में विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में नए CLP का चुनाव होना था लेकिन, सभी विधायकों ने इस फैसले के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया.
इसके बाद एक-एक विधायकों की राय लेकर कांग्रेस के तीन पर्यवेक्षक सोमवार (15 मई) को दिल्ली पहुंचे और अध्यक्ष खड़गे को रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद से लगातार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का खड़गे के आवास पर बैठकों का सिलसिला जारी है.
कर्नाटक की 224 सीट पर 10 मई को चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस ने 135, बीजेपी ने 66 और जेडीएस ने 19 सीट जीत हासिल की है. कांग्रेस को राज्य में 10 साल (2013) बाद पूर्ण बहुमत मिला है.
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