कोरोना वायरस से लंबी लड़ाई के बाद अब आखिरकार देशभर में वैक्सीन पहुंच रही है. 16 जनवरी से देश में मेगा वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रजेनेका की वैक्सीन को भारत में तैयार किया है और इसका नाम कोविशील्ड रखा है. अब वैक्सीन की पहली खेप रिलीज करने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने इसे ऐतिहासिक पल बताया है. साथ ही उन्होंने इसकी कीमत को लेकर भी बात की.
लोगों तक वैक्सीन पहुंचाना बड़ी चुनौती- पूनावाला
पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से सरकार के ऑर्डर पर 1 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज राजधानी दिल्ली समेत 13 अलग-अलग शहरों में पहुंची है. वैक्सीन पहुंचने के बाद सीईओ अदार पूनावाला ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा,
“हमारी फैक्ट्री से वैक्सीन निकल चुकी है, ये एक ऐतिहासिक पल है. हमारी मुख्य चुनौती वैक्सीन को देश के हर नागरिक तक पहुंचाना है. यही हमारे लिए 2021 का चैलेंज है. देखते हैं ये कैसे हो पाता है.”
200 रुपये नहीं है कीमत
अब सोमवार को जब सरकार की तरफ से सीरम इंस्टीट्यूट को ऑर्डर दिया गया, तब बताया गया कि कोरोना वैक्सीन की एक डोज की कीमत 200 रुपये लगाई गई है. इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर करने लगे कि वैक्सीन की कीमत सिर्फ 200 रुपये होगी. लेकिन ऐसा नहीं है. ये कीमत सिर्फ पहली खेप और सरकार के लिए है. इसे लेकर अब खुद सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ पूनावाला ने साफ किया है. उन्होंने कहा,
“हमने पहली 1 करोड़ कोरोना वैक्सीन को स्पेशल कीमत 200 रुपये प्रति डोज में दिया. भारत सरकार ने इसके लिए हमसे गुजारिश की थी कि वो आम लोगों, गरीबों और हेल्थकेयर वर्कस की मदद करना चाहती है. लेकिन इसके बाद हम प्राइवेट मार्केट में वैक्सीन को 1000 रुपये प्रति डोज के हिसाब से बेचेंगे.”
पूनावाला ने कहा कि सरकार को आगे वैक्सीन 200 रुपये से थोड़ी ज्यादा कीमत पर दी जाएगी, क्योंकि वो हमारा कॉस्ट प्राइस है. हमने फैसला किया था कि हम सरकार को दी जाने वाली वैक्सीन में फायदा नहीं कमाएंगे. हम देश को और सरकार को पहली 1 करोड़ डोज के लिए मदद करना चाहते थे.
कई देशों से आ रही वैक्सीन की डिमांड
अदार पूनावाला ने वैक्सीन की डिमांड को लेकर भी कहा कि कई देशों ने सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन सप्लाई करने की बात कही है. इसके लिए पीएमओ के पास कई आवेदन आए हैं. हम सभी को खुश रखने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही हमें अपने देश और देश की जनसंख्या का खयाल भी रखना है. हम साउथ अफ्रीका और साउथ अमेरिका को वैक्सीन देने की कोशिश कर रहे हैं. तो हम इस तरह सभी जगह के लिए कुछ न कुछ कर रहे हैं.
पूनावाला ने बताया कि हम 70 से 80 मिलियन डोज हर महीने बना रहे हैं. इसके बाद अब प्लानिंग की जा रही है कि इनमें से कितनी भारत में सप्लाई होंगी और कितनी दूसरे देशों में भेजी जाएंगीं. हेल्थ मिनिस्ट्री की तरफ से लॉजिस्टिक की व्यवस्था की जा रही है, इसके अलावा हमने भी ट्रक, वैन और कोल्ड स्टोरेज के लिए प्राइवेट पार्टनर्स के साथ टाईअप किया है.
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