उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चर्चित विवेक तिवारी मर्डर केस में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. एसआईटी की इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर विवेक तिवारी मर्डर केस में आरोपी प्रशांत चौधरी और संदीप के खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल की गई है.
एसआईटी ने चार्जशीट में आरोपी प्रशांत चौधरी के खिलाफ हत्या की धारा 302 और उसके साथ मौजूद रहे सिपाही संदीप के खिलाफ मारपीट की धारा 323 दर्ज की है. जांच में पाया गया है कि सिपाही संदीप ने विवेक के साथ गाड़ी में मौजूद रही सना को गाड़ी से बाहर निकलने के लिए खिड़की पर डंडा मारा था.
SIT की जांच रिपोर्ट में क्या है?
एसआईटी जांच के मुताबिक, घटना के समय विवेक तिवारी की गाड़ी चल रही थी और विवेक की गाड़ी से सिपाही प्रशांत और संदीप की जान खतरे में नहीं थी. इन हालातों में सीधे निशाना लेकर विवेक पर गोली चलाना फायरिंग की ट्रेनिंग के खिलाफ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर बैग खुले होने से साबित हुआ कि गाड़ी चल रही थी और सीट बेल्ट पर खून के निशान भी मिले हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, जिस पिस्टल से गोली मारी गई वह सिपाही प्रशांत कुमार के नाम पर अलॉट थी. प्रशांत को मालूम था कि गोली चलाने का अंजाम क्या हो सकता है. फॉरेंसिक सबूतों से भी ये बात साबित हुई है.
साथी सिपाही के खिलाफ मारपीट का केस
चार्जशीट में सिपाही प्रशांत चौधरी के खिलाफ हत्या की धारा लगाते हुए पूरी वारदात का मुख्य आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में प्रशांत चौधरी के खिलाफ 302 की धारा लगाई गई है और वारदात के वक्त मौजूद एक अन्य सिपाही संदीप पर मारपीट की धारा लगाई गई है. कई साक्ष्यों का हवाला देते हुए एसआईटी ने प्रशांत को घटना का दोषी माना है.
चार्जशीट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि घटना के वक्त सना और विवेक में ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था, जैसा कि सिपाही प्रशांत ने दावा किया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)