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उन्नाव रेप के आरोपी MLA को साक्षी महाराज ने जेल जाकर कहा ‘थैंक्स’

साल 2012 में एसपी के साथ आए और पार्टी का माहौल खराब हुआ तो 2017 में बीजेपी का झंडा पकड़ कुलदीप विधायक बन गए.

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भारत
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(क्‍विंट हिंदी पर ये स्‍टोरी 05 जून 2019 को छापी गई थी)

उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने बुधवार को रेप केस के आरोपी और बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से सीतापुर जेल में मुलाकात की. साक्षी महाराज से जब गैंगरेप के आरोपी से मिलने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वो कुलदीप को थैंक्स बोलने आए थे.

साक्षी महाराज ने कहा, "वो (कुलदीप) लंबे समय से यहां जेल में बंद हैं. मैं चुनाव के बाद उन्हें धन्यवाद देने के लिए उनसे मिलने आया था."

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कुलदीप सिंह सेंगर बीजेपी विधायक हैं. कुलदीप पर उन्नाव की एक युवती से गैंगरेप का आरोप है. यही नहीं कुलदीप पर पीड़िता के पिता की हत्या का भी आरोप है. मामला सामने आने के बाद भी जब आरोपी विधायक के खिलाफ जब कार्रवाई नहीं हुई, तो पीड़िता ने न्याय के लिए सीएम योगी के आवास पर आत्मदाह की कोशिश की. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन की फटकार लगाई. कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी विधायक को गिरफ्तार किया गया था. तब से कुलदीप सीतापुर की जेल में बंद हैं.

पीड़िता जून 2017 से कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप का आरोप लगा रही थी. कुलदीप पर मामले की पैरवी रोकने के लिए पीड़िता के पिता पप्पू सिंह को 3 अप्रैल को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटवाने का आरोप है. इसके बाद एक फर्जी मामले में जेल में बंद कराने का भी आरोप है. 8 अप्रैल की रात जेल में ही खून की उल्टी के साथ पप्पू सिंह की मौत हो गई थी.

कौन हैं रेप का आरोपी विधायक कुलदीप?

कुलदीप सेंगर उन्नाव जिले के माखी थाना क्षेत्र के सराय थोक निवासी है और जिले की बांगरमऊ सीट से विधायक है. कुलदीप सेंगर ने यूथ कांग्रेस से राजनीति की शुरूआत की और 2002 में भगवंत नगर से बीएसपी के टिकट पर विधायक बने. इन्हें रघुराज प्रताप सिंह राजा भईया का बेहद करीबी माना जाता है. ये दलबदलू नेता के नाम से भी चर्चित हैं.

साल 2012 में एसपी के साथ आए और पार्टी का माहौल खराब हुआ तो 2017 में बीजेपी का झंडा पकड़ विधायक बन गए. पत्नी से लेकर भाईयों तक, सभी में किसी न किसी पद पर रहने का जुनून है. पत्नी संगीता सेंगर को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया, भाई मनोज सेंगर ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं. और खुद लोकसभा के लिए अपनी पिच तैयार कर रहे हैं. उनके तीसरे भाई अतुल सिंह ‘मसल मैनेजमेंट’ देखते हैं. यानी कि परिवार के पॉलिटिकल एम्पायर में छेड़छाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर ठीक करना का माद्दा रखते हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधायक और उनके भाइयों की इतनी दबंगई है कि 2004 में एक एएसपी को गोली मार दी थी. ऐसे में सामान्य लोगों को ठीक करना तो इनके बायें हाथ का खेल लगता है, जिसे शायद कभी विधायक परिवार के खास रहे मृतक पप्पू सिंह नही समझ पाये.

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