CPI(M) ने रविवार को अपनी 22वीं पार्टी कांग्रेस में सीताराम येचुरी को एक बार फिर एकमत से महासचिव चुन लिया. पार्टी की नवनिर्वाचित 95 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी ने महासचिव पद पर दूसरी बार 65 साल के येचुरी के निर्वाचन को मंजूरी दी.
आम चुनाव से एक साल पहले इस पद पर फिर से चुने जाने पर येचुरी ने कहा कि CPI(M) का पहला मकसद बीजेपी-आरएसएस सरकार को सत्ता से बेदखल करना है.
सीताराम येचुरी ने 2015 में विशाखापत्तनम में हुई 21वीं पार्टी कांग्रेस में महासचिव पद पर प्रकाश करात की जगह ली थी.
पार्टी कांग्रेस के समापन सत्र को संबोधित करते हुए येचुरी ने कहा, ‘‘हमारी कांग्रेस असरकारी रही, लंबी बातचीत हुई और हमने इस कांग्रेस में अहम फैसले लिए. हमारे नेताओं-कार्यकर्ताओं में अगर कोई संदेश जाना चाहिए, तो वह ये कि CPI(M) एकजुट पार्टी के तौर पर उभरी है.''
बता दें कि बीते 18 अप्रैल से शुरू हुई पार्टी कांग्रेस में येचुरी के उत्तराधिकारी के लिए कई नामों पर चर्चा हुई. पार्टी सूत्रों ने बताया कि त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार, पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात और सचिव बीवी राघवुलु संभावित दावेदारों में शामिल थे. प्रकाश करात, बृंदा करात, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, केरल में सीपीएम के नेता एस रामचंद्रन पिल्लई और पश्चिम बंगाल के नेता बिमान बसु केंद्रीय कमेटी के सदस्यों में शामिल हैं.
कौन हैं सीताराम येचुरी?
सीताराम येचुरी साल 1974 से CPI(M) के सदस्य हैं और उन्हें पहली बार 2015 में पार्टी का महासचिव चुना गया था. चेन्नई में जन्मे येचुरी ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की. दिल्ली में उन्होंने अब तक जीवन का अधिकतर समय बिताया है.
कांग्रेस पार्टी के साथ राजनीतिक गठबंधन बनाने की खबरों का खंडन करते हुए प्रस्ताव में यह साफ किया गया है कि सीपीएम कांग्रेस के साथ तालमेल के लिए तैयार है.
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