केरल (Kerala) के एक मशहूर और लोकप्रिय टैटू आर्टिस्ट पीएस सुजीश पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है. शनिवार, 5 मार्च को 6 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं. सुजीश, इंकफेक्टेड टैटू स्टूडियो के आर्टिस्ट हैं, जो एर्नाकुलम में स्थित है. सुजीश पिछले तीन दिनों से फरार बताए जा रहे थे, लेकिन उन्होंने शनिवार देर रात सरेंडर कर दिया, जिसके बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
केरल पुलिस ने शनिवार को चेरानेल्लोर और पलारीवट्टोम पुलिस स्टेशनों में सुजीश के खिलाफ 6 एफआईआर दर्ज की.
कोच्चि के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस वीयू कुरियाकोस ने द क्विंट को बताया कि अब तक कुल 6 महिलाओं ने शिकायत दर्ज करवाई है. अगर ऐसी और भी महिलाएं हैं, जो बोलना चाहती हैं तो हम उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाएंगे. हमने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही उनके दावों को साबित करने के लिए अधिक सबूत खंगाले जाएंगे.
टैटू स्टूडियो में अपने दर्द भरे अनुभव को बयां करने वाली एक 18 साल की महिला का सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने के बाद ये शिकायतें दर्ज की गईं. पुलिस ने उस महिला से संपर्क किया लेकिन उसने अभी तक शिकायत नहीं दर्ज करवाई है.
सोशल मीडिया पोस्ट से चर्चा में आया केस
महिला द्वारा सोशल मीडिया पर Reddit पोस्ट करने के बाद सुजीश के खिलाफ #MeToo से संबंधित कई आरोप लगाए गए. कई महिलाओं ने सुजीश पर कई गलत सवाल पूछने, जबरन ओरल सेक्स, शारीरिक शोषण और रेप करने का आरोप लगाया.
इंस्टाग्राम पेज @viakochi ने पीड़ित महिलाओं को लीगल हेल्प दिलाने में मदद की.
केरल हाईकोर्ट के वकील रघुल सुधीश ने द क्विंट को बताया कि पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वो मामले की पूरी तरह से जांच की जाएगी. दो लड़कियों को मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया था.
सुजीश के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
2018 के हैं मामले
सुजीश के इंस्टाग्राम पर 52,000 से अधिक लोग हैं, उन्होने आरोपों का जवाब नहीं दिया है. द क्विंट 3 मार्च से उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.
कई अकाउंट्स से पता चलता है कि ये मामले 2018 से पहले के हैं. पलारीवट्टोम और चेरानलूर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
हालांकि, कई लोगों ने द क्विंट को बताया कि वे सबूतों के अभाव में पुलिस के शिकायत नहीं दर्ज करवा रहे थे.
जिया* (बदला हुआ नाम) जो पीड़ितों की डीटेल जुटा रही हैं. उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला है. हम जानते हैं कि इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन इतनी सारी महिलाओं की गवाही पर्याप्त सबूत होनी चाहिए. कम से कम 10 महिलाओं ने फॉर्मल शिकायत दर्ज कराने पर सहमति जताई है.
एक महिला रेशमी* (बदला हुआ नाम) ने कहा कि मेरे केस में समस्या यह है कि मेरे पास कोई सबूत नहीं है इसलिए मुझे नहीं लगता कि मुझे गंभीरता से लिया जाएगा. घटना दो साल पहले हुई थी, मेरे टैटू बनवाने के लिए कोई स्टोरी नहीं थी, मैंने कैश के माध्यम से पेमेंट किया था और उसका बिल भी नहीं है. तो कौन मुझ पर विश्वास करेगा?
पलारीवोट्टम के SHO ने द क्विंट को बताया कि उन्होंने मामले का संज्ञान लिया है.
पुलिस ऑफिसर ने कहा कि भले ही कोई आरोप लंबे समय के बाद सामने आ रहा हो, हम इसे गंभीरता से लेंगे. यहां तक कि अगर पूरे सबूत नही हैं तो भी हम अपनी जांच के माध्यम से उस सबूत का पता लगाएंगे. लेकिन हमें कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए हम इसकी पूरी तरह से जांच नहीं कर पाए हैं.
कोच्चि के डीसीपी वीयू कुरियाकोस ने भी आश्वासन दिया कि पूरी तरह से जांच की जाएगी और महिलाओं की सुरक्षा की जाएगी.
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