पीएम मोदी ने युवाओं को हुनरमंद बनाने के मकसद से तीन साल पहले बड़े जोर-शोर से ‘स्किल इंडिया’ की शुरुआत की थी. लेकिन इस स्कीम के नाम पर बिचौलिए ठगी कर रहे हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बांदा में ‘स्किल इंडिया’ के नाम पर बिचौलियों ने कई लोगों के साथ ठगी की.
फर्जी तरीके से लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभार्थी दिखाया जा रहा है. साथ ही उनका नाम सरकारी वेबसाइट पर अपडेट कर आंकड़ें बढ़ाने का काम किया जा रहा है. जबकि जरूरतमंदों तक हकीकत में इस योजना का फायदा सही से नहीं पहुंच रहा है.
फर्जी तरीके से दिखाया जा रहा है लोगों को ट्रेंड
इस रिपोर्ट के मुताबिक, बांदा के तारा चंद्र को ‘स्किल इंडिया’ प्रोग्राम के तहत सोनीपत में प्रशिक्षित दिखाया जा रहा है. कपड़ा मंत्रालय की एकीकृत कौशल विकास योजना (ISDS) के रिकॉर्ड में है कि तारा ने सोनीपत के मॉडर्न एजुकेशन सोसाइटी में सिलाई का हुनर सीखा. इसके लिए तारा चंद्र के नाम से सर्टिफिकेट भी जारी हुआ जिसका नंबर 17210867803 है.
इसके मुताबिक, अब तारा चंद्र सर्टिफाइड स्किल्ड टेलर हो गए हैं. लेकिन जब तारा चंद्र से मिलकर इसकी तस्दीक की गई तो पता चला कि उन्होंने कभी सिलाई की कोई ट्रेनिंग ही नहीं ली. न ही वह कपड़े सिलना जानते हैं.
ऐसे करते हैं फर्जीवाड़ा
इंडिया टुडे की जांच में ये बात सामने आई है कि तारा चंद्र के अलावा बांदा के कई और लोगों से भी स्किल इंडिया के नाम पर बिचौलियों ने ठगी की. दरअसल ये बिचौलिए कम पढ़े-लिखे या अनपढ़ लोगों से उनकी सारी जानकारी और आधार कार्ड ले लेते हैं.
‘स्किल इंडिया’ स्कीम में उनका नाम दर्ज करवाकर उनके नाम से सर्टिफिकेट भी जारी करवा देते हैं. साथ ही उन्हें लाभार्थी के रूप में भी दिखा भी देते हैं. सरकारी आंकड़ों में स्किल्ड लोगों के आंकड़े और लाभार्भियों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन हकीकत में उस आदमी तक इस स्कीम का फायदा नहीं पहुंचा रहा है.
कांग्रेस का पीएम पर हमला
इंडिया टुडे के इस खुलासे के बाद कांग्रेस प्रवक्ता सिंह सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर जमकर बोला. उन्होंने कहा, “पीएम ने कहा था कि अगर दिल्ली से एक रुपया जारी होता है तो पूरे 100 पैसे गरीब के घर पहुंचते हैं. लेकिन मोदी जो भी रुपया भेजते हैं उसका 100 फीसदी बेइमानी की भेंट चढ़ जाता है. फर्जी रिकॉर्ड, जालसाज कंपनियां और एजेंसियां बीजेपी समर्थकों को ‘स्किल इंडिया’ का पैसा हड़पने के लिए दिए जाना, साबित करता है कि ये स्कीम डीस्किल इंडिया के लिए है.”
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