सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को क्लीनचिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
पूर्व अफसरशाह और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंडेर की ओर से दायर याचिका पर लगभग आधे घंटे तक सुनवाई के बाद जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने इस मामले को खारिज कर दिया.
जब कोई व्यक्ति वाकई व्यथित हो तो मुद्दा एक अलग रंग लेता है लेकिन जब किसी व्यक्ति का दूर-दूर तक संपर्क न हो और वह मामले को पुनर्जीवित करना चाहता हो तो यह एक अलग मसला है.सुप्रीम कोर्ट
मंडेर ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी , जिसके तहत निचली अदालत द्वारा बीजेपी अध्यक्ष को क्लीनचिट दिए जाने का फैसला बरकरार रखा गया था.
सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने मंडेर का पक्ष रखते हुए कहा, ‘‘जनता को यह महसूस होना चाहिए कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.’’ सिब्बल की इस बात पर कोर्ट ने कहा कि वह किसी को भी ‘‘कानून से ऊपर’’ नहीं मानती.
सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है लेकिन मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि वे पलट क्यों गए? यहां तक कि शाह के खिलाफ मामला दायर करने वाले सोहराबुद्दीन के भाई ने भी बाद में मामला वापस ले लिया.कपिल सिब्बल, सीनियर एडवोकेट
सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को मंडेर की याचिका खारिज नहीं करनी चाहिए थी और इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया जा सकता था.
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई ने एक आरोपपत्र दायर किया है और शाह को 16 नंबर का आरोपी बनाया है. यह हत्या का मामला है.’’
शाह की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का जिक्र करते हुए मामले के साथ मंडेर के संबंध पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘अदालत पहले ही कह चुकी है कि अगर कोई व्यक्ति मामले से जुड़ा नहीं है तो वह किसी की सुनवाई के बीच हस्तक्षेप नहीं कर सकता.’’
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