कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इकनॉमी में सुस्ती और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (RCEP) समझौते को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने 2 नवंबर को कहा कि सरकार पहले से ही बुरी स्थिति का सामना कर रही भारतीय इकनॉमी को RCEP के जरिए बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है.
RCEP 10 एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) देशों और उनके 6 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) भागीदारों चीन, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एक प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता है.
RECP समझौते को लेकर सोनिया ने कहा, ‘‘सरकार के कई फैसलों से अर्थव्यस्था को कम नुकसान नहीं हुआ था कि अब वो RECP के माध्यम से बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है. हमारे किसानों, दुकानदारों, छोटी और मझली इकाइयों के लिए इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे.’’
पार्टी महासचिवों और प्रभारियों की बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि इकनॉमी की खराब हालत को स्वीकारने और इसे ठीक करने के लिए कदम उठाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सुर्खियां बटोरने और आयोजनों के प्रबंधन’ में व्यस्त हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस रुख की लाखों भारतीय नागरिकों खासकर बेरोजगार युवाओं और किसानों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 नवंबर को 3 दिवसीय यात्रा पर थाईलैंड पहुंचे हैं. वह यहां RCEP समझौते पर बातचीत करने वाले देशों की तीसरी शिखर बैठक में भी हिस्सा लेंगे. एशिया प्रशांत क्षेत्र के 16 देशों का यह व्यापार समझौता अगर होता है तो यह दुनिया में सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र होगा.
पीएम मोदी ने कहा है कि RCEP को लेकर होने जा रही बैठक में भारत इस बात पर गौर करेगा कि क्या व्यापार, सेवाओं और निवेश में उसकी चिंताओं और हितों को पूरी तरह से समायोजित किया जा रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)