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COVID-19: सोनिया ने PM को दिए फिजूलखर्ची से बचने के पांच मंत्र

सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर दिए सुझाव

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भारत
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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर COVID-19 से लड़ने और ‘फिजूलखर्ची’ से बचने के लिए 5 सुझाव दिए हैं.

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सोनिया ने इस लेटर की शुरुआत में लिखा है, ''कल टेलीफोन पर हुई बातचीत में आपने COVID-19 से लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी के सुझाव देने के बारे में अनुरोध किया था. मैं इसी भावना से यह लेटर लिख रही हूं. मैं इस चुनौतीपूर्ण समय में आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूं.''

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इसके आगे सोनिया ने लिखा है,’’ सांसदों का वेतन 30 फीसदी कम करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का हम समर्थन करते हैं. COVID-19 महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए फंड जमा करने में अतिसंयमित खर्च आज के समय की मांग है. इसी सकारात्मक भावना से मैं आपको पांच ठोस सुझाव देती हूं, मुझे विश्वास है कि आप इन्हें लागू करेंगे.’’

सोनिया के लेटर में दिए गए 5 सुझाव

  1. सरकार और सरकारी उपक्रमों की तरफ से मीडिया विज्ञापनों- टेलीविजन, प्रिंट और ऑनलाइन विज्ञापनों पर दो साल के लिए रोक लगाकर यह पैसा कोरोनावायरस से पैदा हुए संकट से निपटने में लगाया जाए. केवल COVID-19 के बारे में एडवायजरी या स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञापन ही इस रोक से बाहर रखे जाएं. केंद्र सरकार मीडिया विज्ञापनों पर हर साल लगभग 1,250 करोड़ रुपये खर्च करती है. इसके अलावा सरकारी उपक्रमों और सरकारी कंपनियों की तरफ से विज्ञापनों पर खर्च की जाने वाली सालाना राशि इससे भी ज्यादा है. सरकार की इस कोशिश से कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था और समाज को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए एक बड़ी राशि जुटाने में मदद मिलेगी
  2. 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे ‘सेंट्रल विस्टा’ ब्यूटीफिकेशन और कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को स्थगित किया जाए. मौजूदा स्थिति में विलासिता पर किया जाने वाला यह खर्च व्यर्थ है. मुझे विश्वास है कि संसद मौजूदा भवन से ही अपना पूरा कामकाज कर सकती है. नई संसद और उसके नए कार्यालयों के निर्माण की आज की आपातकालीन स्थिति में जरूरत नहीं. ऐसे संकट के समय में इस खर्च को टाला जा सकता है. इससे बचाई गई राशि का इस्तेमाल नए अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सुविधाओं के निर्माण, आगे आकर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (‘पीपीई’) और बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए किया जाए
  3. भारत सरकार के खर्चे के बजट (वेतन, पेंशन और सेंट्रल सेक्टर की योजनाओं को छोड़कर) में भी इसी अनुपात में 30 फीसदी की कटौती की जानी चाहिए. यह 30 फीसदी राशि (लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष) प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, किसानों, एमएसएमई और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को सुरक्षा चक्र प्रदान करने के लिए आवंटित की जाए
  4. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य के मंत्रियों और नौकरशाहों की सभी विदेश यात्राओं को स्थगित किया जाए. केवल देशहित के लिए की जाने वाली आपातकालीन और बेहद जरूरी विदेश यात्राओं को ही प्रधानमंत्री की तरफ से अनुमति दी जाए. विदेश यात्राओं पर खर्च की जाने वाली यह राशि (जो पिछले पांच सालों में केवल प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए 393 करोड़ रुपये है) कोरोना वायरस से लड़ाई में सार्थक तौर से इस्तेमाल की जा सकती है
  5. ‘पीएम केयर्स’ फंड की पूरी राशि को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड’ (‘पीएम-एनआरएफ’) में स्थानांतरित किया जाए. इससे इस राशि के आवंटन और खर्चे में एफिशियंसी, पारदर्शिता, जिम्मेदारी और ऑडिट सुनिश्चित हो पाएगा. जनता की सेवा के फंड के वितरण के लिए दो अलग-अलग मद बनाना मेहनत और संसाधनों की बर्बादी है. पीएम-एनआरएफ में लगभग 3800 करोड़ रुपये की राशि (वित्तवर्ष 2019 के अंत तक) बिना इस्तेमाल के पड़ी है. इस फंड और ‘पीएम-केयर्स’ की राशि को मिलाकर, उससे समाज में हाशिए पर रहने वाले लोगों को तत्काल खाद्य सुरक्षा चक्र प्रदान किया जाए
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लेटर के आखिर में सोनिया ने लिखा है, ''देश के सामने पैदा हुईं COVID-19 की चुनौतियों से निपटने में हमारा पूरा सहयोग आपके साथ है.''

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