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45 मिनट तक बस नहीं आने पर टरमैक पर पैदल चले Spicejet के यात्री, DGCA जांच शुरू

यात्रियों को दिल्ली हवाई अड्डे के टरमैक क्षेत्र पर चलने की अनुमति नहीं है क्योंकि यह सुरक्षा के लिए खतरा है.

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स्पाइसजेट (Spicejet) की हैदराबाद-दिल्ली उड़ान से 06 अगस्त की रात को उतरे यात्रियों की एक बड़ी संख्या को हवाईअड्डे के रास्ते पर पैदल चलना पड़ा. क्योंकि यह आरोप है कि एयरलाइन उन्हें टर्मिनल तक ले जाने के लिए लगभग 45 मिनट तक बस उपलब्ध नहीं करा सकी.

पीटीआई में छपी खबर के मुताबिक विमानन नियामक डीजीसीए घटना की जांच कर रहा है.

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बस आने में थोड़ी देर हुई- स्पाइसजेट  

स्पाइसजेट ने कहा कि कोचों के आने में थोड़ी देरी हुई और एक बार बसें आने के बाद सभी यात्री टरमैक से टर्मिनल बिल्डिंग तक गए.

यात्रियों को दिल्ली हवाई अड्डे के टरमैक क्षेत्र पर चलने की अनुमति नहीं है क्योंकि यह सुरक्षा के लिए खतरा है.

केवल वाहनों के लिए टरमैक पर एक सीमांकित मार्ग है. इसलिए, एयरलाइंस यात्रियों को टर्मिनल से विमान तक ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल करती हैं या इसके उलट सीमांकित रास्ते का इस्तेमाल करती है

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि स्पाइसजेट की हैदराबाद-दिल्ली उड़ान - जिसमें 186 यात्री सवार थे. वह 6 जुलाई को लगभग 11.24 बजे दिल्ली पहुंची.

उन्होंने कहा कि एक बस तुरंत आई और यात्रियों के एक वर्ग को टर्मिनल 3 पर ले गई. बाकी यात्रियों ने लगभग 45 मिनट तक इंतजार किया, और जब उन्होंने अपने लिए कोई बस नहीं देखी, तो वे टर्मिनल की ओर चलने लगे, जो लगभग 1.5 किमी दूर था.

उन्होंने बताया कि इन यात्रियों के करीब 11 मिनट तक टरमैक पर चलने के बाद दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर एक बस उन्हें टर्मिनल तक ले जाने के लिए आई.

इस घटना के बारे में पूछे जाने पर, स्पाइसजेट ने एक बयान में कहा, “6 अगस्त को स्पाइसजेट की उड़ान हैदराबाद-दिल्ली के यात्रियों को टर्मिनल की ओर पैदल चलने के लिए मजबूर करने की जानकारी गलत है और इससे इनकार किया जाता है. यात्रियों को टरमैक से टर्मिनल बिल्डिंग तक ले जाने के लिए कोचों के आने में थोड़ी देरी हुई."

स्पाइसजेट ने आगे कहा कि, “हमारे कर्मचारियों के बार-बार अनुरोध के बावजूद, कुछ यात्रियों ने टर्मिनल की ओर चलना शुरू कर दिया. वे मुश्किल से कुछ मीटर ही चल पाए थे कि बसें पहुंच गईं. जिन यात्रियों ने चलना शुरू किया था उन समेत सभी यात्रियों बसों से टर्मिनल बिल्डिंग तक पहुंचे."

(न्यूज इनपुट्स - इंडियन एक्सप्रेस)

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