आर्ट ऑफ लिविंग का 4.75 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी का प्रस्ताव नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने खारिज कर दिया है.
दरअसल, श्रीश्री रविशंकर की संस्था ने आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से बकाया जुर्माना राशि न देकर उसके एवज में 4.75 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी का प्रस्ताव नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने मंगलवार को रखा था.
एनजीटी ने संस्था के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए उसे एक हफ्ते के भीतर जुर्माने की बकाया राशि जमा कराने का आदेश दिया.
समिति के पुनर्गठन की मांग
25 मई को, सीआर बाबू, एके गोसाई और बृज गोपाल की समिति ने यमुना के पास मैदानों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए साइट का निरीक्षण किया था. NGT की ओर से उन्हें यह निर्देश दिया गया था.
इसके बाद सोमवार को आर्ट ऑफ लिविंग ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से गठित साइट निरीक्षण समिति को चुनौती दी.
संस्था ने यमुना के मैदानों पर विश्व संस्कृति महोत्सव के कथित प्रभाव की जांच के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष विशेषज्ञ समिति के पुनर्गठन की मांग की. हालांकि ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को एक स्वतंत्र निकाय द्वारा साइट का आकलन करने के लिए संस्था की गुजारिश पर विचार कर जवाब देने की बात कही.
NGT ने दिखाया कड़ा रुख
नाराज एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग से कहा कि आपको प्रोग्राम करने की अनुमति इसी शर्त पर दी गई थी कि आप रकम समय पर चुकाएंगे, लेकिन आप रकम चुकाने के बजाय अपने वादे से मुकर गए और फिर यह रकम न चुकानी पड़े, इसके लिए आपने ढेरों याचिकाएं लगा दीं.
दूसरी ओर श्रीश्री की संस्था का कहना है कि वह इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है. साथ ही वह इस फैसले से खुश नहीं है.
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