‘आर्ट ऑफ लिविंग’ संस्था के संचालक और आध्यात्म गुरू श्री श्री रवि शंकर ने नोबेल पुरस्कारों के वितरण पर सवाल उठाया है.
उनका कहना है कि पाकिस्तानी एक्टिविस्ट मलाला यूसुफज़ई ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसके लिए उसे नोबोल पुरस्कार दिया गया. अपने इस बयान के बाद स्प्रिचुअल गुरु रविशंकर सोमवार को दिन भर ट्वीटर पर ट्रेंड करते रहे.
मीडिया में आईं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. साथ ही उन्होंने मलाला यूसुफज़ई को नोबेल सम्मान दिया जाना, एक गलत कदम बताया.
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक,
क्या अहमियत है उस अवॉर्ड कि जिसे एक 16 साल की लड़की को दे दिया गया हो, वो भी बिना उसका काम देखे. पहले मुझे भी नोबेल पीस प्राइज ऑफर हुआ था, लेकिन मैंने उसे इसी कारण से खारिज कर दिया था. मैं सिर्फ काम करने में विश्वास करता हूं, अपने काम के लिए किसी सम्मान दिए जाने के लिए नहीं. हमें हमेशा ऐसे लोगों को पुरस्कार देना चाहिए जो इसके लायक हों. मलाला को यह पुरस्कार दिए जाने के मैं खिलाफ हूं.श्री श्री रवि शंकर
श्रीश्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर में मलाला को पाकिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के लिए श्रेय दिया जा रहा है. साथ ही तालिबानियों की तरफ से जान से मारने की धमकियां मिलते हुए भी वे पाकिस्तान की स्वात घाटी में निडर होकर अपना काम कर रही हैं.
हाल ही में श्री श्री रविशंकर लातूर के सूखा प्रभावित इलाकों के दौरे पर गए थे. उनकी संस्था के मुताबिक वे इस समय लातूर में किसानों की हेल्प के लिए सिंचाई संबंधित एक योजना पर काम रहे हैं.
इससे पहले श्रीश्री दिल्ली में यमुना के किनारे वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल को लेकर चर्चा में आए थे, जिससे जुड़ा विवाद काफी लंबा चला था.
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