कोरोना वैक्सीन की कीमत को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. यूनिफॉर्म वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर ममता सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है, साथ ही मौजूदा समय में कोरोना वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों को खत्म करने की अपील की है.
वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों पर आपत्ति
बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि, केंद्र जल्द से जल्द राज्यों को वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराए, साथ ही राज्यों को कोरोना वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए.
इससे पहले कई राज्यों ने कोरोना वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों पर आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट बंगाल सरकार की इस याचिका पर सोमवार, 10 मई को सुनवाई करेगा.
अभी तक, केंद्र वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन खरीद रहा था. इसमें कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और कोवैक्सीन को भारत बायोटेक से खरीदा जा रहा था और ये वैक्सीन राज्यों को मुफ्त में मुहैया कराई जा रही थी.
1 मई से सिर्फ 45+ को ही फ्री वैक्सीन
लेकिन 1 मई से कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने नीति में बदलाव कर दिया. इस चरण में 18+ लोगों को वैक्सीनेशन की छूट दी गई, लेकिन बताया गया कि मुफ्त में वैक्सीन सिर्फ 45+ को ही मिलेगी. अब वैक्सीन निर्माता 50 फीसदी वैक्सीन डोज सीधे राज्य और प्राइवेट अस्पतालों को सप्लाई करेंगे. इसके अलावा बची 50 फीसदी वैक्सीन केंद्र सरकार कम दाम पर दवा निर्माताओं से खरीदेगी.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपनी वैक्सीन कोविशील्ड का दाम 300 रुपए राज्यों के लिए और 600 रुपए प्राइवेट अस्पतालों के लिए तय किया है. वहीं भारत बायोटेक ने यह कीमत क्रमशः 400 और 1200 रुपए प्रति डोज रखी है.
फ्री वैक्सीन को लेकर सीएम ममता ने पीएम को लिखी थी चिट्ठी
इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फ्री वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी थी. ममता बनर्जी ने कहा कि अब तक चिट्ठी को लेकर पीएम मोदी का जवाब नहीं आया है.
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पूछा कि, मैंने जो फ्री वैक्सीन को लेकर चिट्ठी लिखी थी, उसका जवाब अब तक क्यों नहीं आया है? आखिर केंद्र सरकार क्यों वैक्सीनेशन के लिए 30 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान नहीं कर रही है? वहीं सरकार संसद की नई बिल्डिंग और स्टेच्यू बनाने में 20 हजार करोड़ खर्च कर रही है.
इससे पहले भी ममता बनर्जी कोरोना वैक्सीन की एक ही कीमत रखने की मांग कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि “जब बीजेपी वन नेशन, वन पार्टी और वन लीडर की बात करती है तो लोगों की जान बचाने के लिए वैक्सीन की वन प्राइस क्यों नहीं कर सकती है.”
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