वीडियो प्रोड्यूसर- तरुण अग्रवाल
भारत में होने वाला आगामी लोकसभा चुनाव दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस चुनाव में करीब 90 करोड़ लोगों के पास वोट डालने का अधिकार होगा. इनमें से करीब 7 करोड़ लोग ऐसे होंगे, जो पहली बार लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकेंगे.
आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसे आंकड़ों पर, जिनकी वजह से लोकसभा चुनाव को भारत के लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार कहा जाता है:
चुनावी मैदान में उतरने वाली पार्टियों की संख्या
पहले लोकसभा चुनाव में 53 राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में उतरी थीं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव तक यह आंकड़ा बढ़कर 464 तक पहुंच गया. किस चुनाव में कितनी पार्टियों ने हिस्सा लिया, यह आप नीचे दिए गए ग्राफ में देख सकते हैं.
लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या
- 1951-52 के लोकसभा चुनाव में कुल 1874 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे
- अब तक किसी एक लोकसभा चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों की सबसे बड़ी संख्या की बात करें तो यह 1996 के चुनाव में दिखी. इस चुनाव में कुल 13952 उम्मीदवार उतरे थे, वहीं यह आंकड़ा 1957 के चुनाव में सबसे कम (1519) रहा
- साल 2014 में 8251 उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव लड़ा था
मतदान केंद्र
1951-52 के लोकसभा चुनाव में 196084 मतदान केंद्र थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव तक यह संख्या 927553 तक पहुंच गई. इसके अलावा बाकी लोकसभा चुनावों में कितने मतदान केंद्रों का इस्तेमाल किया गया, ये आंकड़े आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं.
लोकसभा चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या
भारत के पहले लोकसभा चुनाव में 45 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरी थीं, इनमें से 22 महिलाओं ने जीत हासिल की थी. अब तक किसी एक लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवारों की बात करें तो यह संख्या 2014 के चुनाव में दिखी, जब 668 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव लड़ा. इस चुनाव में 62 महिलाओं ने जीत दर्ज की थी.
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