ओडिशा में तैनात एक निर्वाचन अधिकारी को चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा संबलपुर में नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच के लिए निलंबित किए जाने के कुछ दिनों बाद, सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल ने आदेश पर रोक लगा दी है.
1996 बैच के एक आईएएस अफसर, मोहम्मद मोहसिन ओडिशा में पोल पैनल की देखरेख में काम कर रहे थे, लेकिन चुनाव आयोग ने उन्हें सही तरीके से "कर्तव्य न निभाने" के लिए फटकार लगाई थी.
आईएएस अफसर मोहम्मद मोहसिन को बीते 17 अप्रैल को "एसपीजी सुरक्षा से संबंधित आयोग के निर्देशों के विपरीत कार्य करने" के लिए निलंबित कर दिया गया था. ट्रिब्यूनल अब इस मामले की सुनवाई 3 जून को करेगा.
कौन है वो IAS अफसर, जिन्होंने ली पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की तलाशी
मोहसिन 1996 बैच के कर्नाटक कैडर के IAS अफसर हैं, उन्हें जनरल ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया था. बीते 17 अप्रैल को पीएम मोदी जब रैली के लिए संबलपुर पहुंचे थे, उस समय उनकी टीम ने पीएम के हेलिकॉप्टर की तलाशी थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संबलपुर में प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की जांच करना निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं था. एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट मिली होती है. तलाशी की वजह से पीएम को 15 मिनट तक रुकना पड़ा था.
वैसे मोहसिन ने सिर्फ पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की ही तलाशी नहीं ली, बल्कि उन्होंने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान के भी हेलिकॉप्टर की तलाशी ली थी. जिला कलेक्टर और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने मोहम्मद मोहसिन को घटना के एक दिन बाद निलंबित कर दिया.
मोहसिन बिहार के पटना से हैं, उनकी पढ़ाई भी पटना से ही हुई है, पटना यूनिवर्सिटीं से एमकॉम करने के बाद वो सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए देश की राजधानी दिल्ली आए. मोहसिन 1996 बैच के आईएस अधिकारी बने. मोहसिन कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग और दूसरे डिपार्टमेंट में भी अधिकारी रह चुके हैं.
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