श्रीनगर में पुलिस पर पत्थरबाजी करते हुए सुर्खियों में आई कश्मीर की अफ्शां आशिक अब जम्मू कश्मीर फुटबॉल टीम की कप्तान बन गई हैं. अपने आप में ये पहला मामला था जब कोई लड़की पत्थरबाजी की घटना में शामिल हुई थी. अफ्शां आशिक पहले से ही फुटबॉल खेलती आ रही हैं लेकिन पत्थर फेंकते उनकी तस्वीर के मीडिया में आने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई.
अफ्शां मानती हैं कि उस घटना से सिर्फ अफ्शां की जिंदगी ही नहीं बदली है, बल्कि कश्मीर में रहने वाली कई लड़कियों को भी मदद मिल रही है. जिस गेम को ज्यादातर लड़के खेलते रहे हैं, इस खेल में अब लड़कियां भी आ रही हैं.
मगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अफ्शां समेत 22 खिलाड़ियों से मुलाकात की. अफ्शां ने मंगलवार को पीटीआई से कहा,
जब हमने गृहमंत्री से कहा कि जम्मू-कश्मीर में खेल आधारभूत ढांचे की कमी है तो उन्होंने तुरंत मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की और उनसे जरूरी मदद करने का आग्रह किया. उन्होंने हमें बताया कि (प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत) राज्य के लिये पहले ही 100 करोड़ रुपये आवंटित किये जा चुके हैं.
कौन है अफ्शां?
अफ्शां जम्मू कश्मीर फुटबॉल टीम की कप्तान और गोलकीपर हैं. श्रीनगर की रहने वाली अफ्शां फिलहाल मुंबई के एक क्लब के लिए खेल रही है. अफ्शां ने पटियाला के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ स्पोर्टस से ट्रेनिंग भी ले रखी है. उन्होंने श्रीनगर के वुमेन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है.
जब उनसे पत्थरबाजी की घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि
उस दिन मैंने जो किया था उसे लेकर मुझे कोई पछतावा नहीं है. उस वक्त हालात ऐसे थे, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था, जिससे उस वक्त सबके मन में गुस्सा पैदा हो गया.
अफ्शां ने कहा कि वो मुंबई फुटबॉल क्लब में इसलिए शामिल हुई थी, ताकि नेशनल लेवल फुटबॉल खिलाड़ी बनने का उनका सपना साकार हो सके.
वहीं अब ये भी खबर आ रही है कि बॉलीवुड एक्टर गुलशन ग्रोवर अफ्शां की कहानी पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं.
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