सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की पैसों से संबंधित एक याचिका खारिज कर दी है. रॉय ने याचिका में सेबी-सहारा के अकाउंट में 1500 करोड़ में से बचे हुए 966.80 करोड़ रुपये को जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ाते हुए 11 नवंबर करने को कहा था. इसके साथ ही कोर्ट ने सहारा की मुबंई स्थित एम्बे वैली की नीलामी का भी आदेश दिया है.
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने की. सुनवाई के दौरान जस्टिस मिश्रा ने कहा, सुब्रत रॉय ने सुप्रीम कोर्ट का कानून से खेलने के लिए एक लेबोरेटरी की तरह उपयोग करने की कोशिश की है.
क्या है मामला
कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सहारा की दो कंपनियों को इनवेस्टर्स के 24 हजार करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया था. लेकिन सुब्रत रॉय ने इस आदेश का पालन नहीं किया.
मामले में बाद में सुब्रत रॉय को जेल भेज दिया गया था. रॉय के अलावा सहारा कंपनी के दो दूसरे डॉयरेक्टर रवि शंकर दुबे और अशोक रॉय चौधरी भी जेल गए थे. दो साल जेल में गुजारने के बाद सुब्रत रॉय 6 मई से पैरोल पर हैं. उन्हें पहली बार अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल मिली थी. इसके बाद पैरोल बढ़ाई गई.
मामले में आगे सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में सुब्रत रॉय को 7 सितंबर तक SEBI-सहारा अकाउंट में 1500 करोड़ जमा करने का आदेश दिया था. इस पैसे के जमा करने पर इनवेस्टर्स का बचा हुआ पैसा चुकाने के लिए सुब्रत रॉय को 18 महिने का समय मिलता.
लेकिन सुब्रत रॉय 1500 करोड़ जमा नहीं कर पाए. उन्होंने कोर्ट से 1500 करोड़ की रकम को जमा करने के लिए आखिरी तारीख 11 नवंबर तक बढ़ाने की गुहार लगाई थी, जो कोर्ट ने खारिज कर दी.
कोर्ट ने वसूली के लिए मुंबई की एम्बे वैली का नीलामी का आदेश दे दिया है. इसकी कीमत तकरीबन 37,392 करोड़ रुपये है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)