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पंजाब में सुधीर सूरी को किसने मारा? गैंगस्टर ले रहे क्रेडिट लेकिन कई थ्योरी हैं

Shiv Sena नेता सुधीर सूरी के दुश्मनों और विवादों की लंबी लिस्ट है

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जिस तरह से अमृतसर के भीड़-भाड़ वाले इलाके में शिवसेना (टकसाली) के नेता सुधीर सूरी की एक उच्च पुलिस अधिकारी सहित कई पुलिसकर्मियों के सामने खुलेआम हत्या कर दी गई, उससे यह काफी चौंकाने वाली घटना बन गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 4 नवंबर को जब शिवसेना नेता पर गोली चलाई गई तब उस वक्त मौके पर सुधीर सूरी को सौंपी गई पुलिस सुरक्षा के अलावा एक एडिशनल डीसीपी भी मौजूद था. सुधीर सूरी को पुलिस प्रोटेक्शन मिला हुआ था. द इंडियन एक्सप्रेस में कमलदीप सिंह बराड़ की 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक सूरी को 15 पुलिस कर्मी सौंपे गए थे, जो उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा में तैनात रहते थे. लेकिन इसके बावजूद भी अमृतसर व्यस्त इलाके गोपाल मंदिर के पास सूरी की हत्या कर दी गई. ऐसे में पंजाब पुलिस को जिस अहम सवाल का जवाब देने की जरूरत है वह यह कि आखिर इतनी सिक्योरिटी होने के बावजूद भी सूरी की हत्या कैसे हुई?

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जिस व्यक्ति ने कथित तौर पर सूरी को गोली मारी थी, उसका नाम संदीप सिंह सनी है, जिसे मौके पर ही दबोच लिया गया था. उसने बताया है कि गोपाल मंदिर के पास जहां सूरी को गोली मारी गई थी वहां उसकी एक दुकान थी. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि हत्या किस मकसद से की गई. कई एंगल हैं जो चारों ओर घूम रहे हैं.

1. लांडा हरिके ने फेसबुक पर 'जिम्मेदारी लेने का दावा किया'

एक फेसबुक पोस्ट सामने आई है, जिसमें कनाडा के गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा ने कथित तौर पर हत्या की जिम्मेदारी ली है. लखबीर सिंह लांडा को लांडा हरिके के नाम से जाना जाता है. एक फेसबुक पोस्ट में कहा गया है कि :-

"अमृतसर में सुधीर सूरी की जो मर्डर हुआ, वह मेरे भाईयों द्वारा किया गया था. जो लोग सिख धर्म या किसी अन्य धर्म को लेकर खराब बातें करते हैं या बुराई करते हैं, उनकी भी बारी आएगी. उन्हें यह नहीं समझना चाहिए कि सुरक्षा पाकर वे खुद को बचा सकते हैं. वे भाई जो इस समय हमारे साथ हैं, हम उनके साथ तब तक खड़े रहेंगे जब तक हम जिंदा हैं. यह तो सिर्फ शुरुआत है."

अभी, यह तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है कि यह फेसबुक अकाउंट वाकई में हरिके का है या नहीं.

फेसबुक पोस्ट के जरिए हत्याओं का क्रेडिट लेने का तरीक पिछले कुछ वर्षों से पंजाबी गैंगस्टरों के लिए आम हो गया है, जैसे कि इस साल की शुरुआत में सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए गोल्डी बरार के अकाउंट से जिम्मेदारी ली गई थी.

चूंकि इनमें से ज्यादातर फेसबुक पेज सीधे तौर पर संबंधित गैंगस्टरों द्वारा नहीं चलाए जाते हैं, इसलिए इन्हें साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल करना लगभग असंभव है.

पंजाब पुलिस का कहना है उनके द्वारा उस सोशल मीडिया पोस्ट की प्रामाणिकता को वेरिफाई करने की कोशिश की जा रही है जिसके लिए लांडा हरिके को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

इसी तरह से एक फेसबुक पोस्ट में लांडा हरिके ने कथित तौर पर तरनतारन के दुकानदार गुरजंट सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. उस पोस्ट में लांडा ने गुरजंट सिंह पर "पुलिस का मुखबिर होने" और अपने ही चचेरे भाई अर्शदीप के जीवन को बर्बाद करने का आरोप लगाया था. अर्शदीप अब गुरजंट सिंह की हत्या का आरोपी है.

अर्शदीप के अलावा दो अन्य लोगों गुरकीरत और इश्मीत को गुरजंट सिंह की हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जाने-माने क्राइम जर्नलिस्ट रितेश लखी की रिपोर्ट के अनुसार गुरकीरत और इश्मीत का अगला टारगेट सुधीर सूरी थे, लेकिन गिरफ्तारी होने की वजह से वे उस समय सूरी पर हमला नहीं कर सके.

जैसा कि फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया है, क्या सूरी की हत्या भी लांडा हरिके द्वारा रची गई थी या क्या पोस्ट एक असंबंधित हत्या का श्रेय प्रमुखता से गैंगस्टर को दे रही है?

पोस्टों में एक पैटर्न है. पोस्ट में यह प्रस्तुत किया जा रहा है कि हत्याएं "सम्मानजनक कारण" के लिए की गईं; जहां गुरजंट सिंह पर "पुलिस का मुखबिर" होने और एक युवा के जीवन को "बर्बाद" करने का आरोप लगाया गया था (दोनों आरोप अपुष्ट हैं), वहीं सूरी पर सिखों का अपमान करने का आरोप लगाया गया था.

हत्याओं के पीछे लांडा हरिके हैं या नहीं, यह भले ही स्पष्ट न हो लेकिन पोस्ट का उद्देश्य स्पष्ट तौर पर उसको (लांडा को) काफी महत्वपूर्ण दिखाना है.

2. वारिस पंजाब दे और अमृतपाल सिंह

कई दक्षिणपंथी मीडिया चैनलों ने आरोप लगाया कि शूटर संदीप सनी का संबंध वारिस पंजाब दे संगठन से है, जिसकी स्थापना एक्टर-एक्टविस्ट दीप सिंह सिद्धू ने अपनी असामयिक मौत से ठीक पहले की थी.

उन चैनलों का आरोप है कि संदीप सनी की गाड़ी पर 'वारिस पंजाब दे' का स्टीकर लगा हुआ था.

कुछ दक्षिणपंथी सोशल मीडिया हैंडल ने यह दावा भी करना शुरू कर दिया कि संदीप सनी ने वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह से मुलाकात की थी और मीडिया हैंडल ने ऐसा आरोप लगाते हुए एक वीडियो पोस्ट किया.

हालांकि वीडियो और इन दावों की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है.

ड्रग्स के खिलाफ बात करने और सिख सिद्धांतों के अनुरूप जीवन शैली अपनाने का संदेश देने के परिणामस्वरूप सिख युवाओं के एक वर्ग के बीच अमृतपाल सिंह की लोकप्रियता बढ़ गई है. अमृतपाल सिंह पंजाब में 'स्टेट पॉलिसी' यानी 'राज्य की नीतियों' के खिलाफ भी सक्रियता से आवाज उठाते रहे हैं.

अमृतपाल के समर्थकों के बीच यह नैरेटिव सामान्य हो गया है कि "अपराध होने से पहले ही, इसके लिए अमृतपाल सिंह को दोषी ठहराया जाता है."

यह तो पुलिस जांच के बाद ही पता चलेगा कि अमृतपाल सिंह पर लगे आरोपों में सच्चाई है या नहीं.

हालांकि, एक बात साफ है कि हिंदुत्ववादी संगठन अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर निशाना साध सकते हैं. अमृतपाल सिंह को 5 नवंबर की शाम तक मोगा जिले के सिंघवाला में नजरबंद कर दिया गया था.

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3. सुधीर सूरी के दुश्मनों और विवादों की लंबी लिस्ट

सुधीर सूरी के दुश्मनों की लंबी सूची और उसके द्वारा किए गए विवादों की वजह से, इस बात का पता लगाना और ज्यादा जटिल हो गया है कि आखिर उनकी हत्या के पीछे का 'मकसद' क्या था.

  • हाल ही में जब वे (सूरी) अमृतसर के गोपाल मंदिर में धरना दे रहे थे तब मंदिर प्रबंधन के साथ उनकी खींचतान हो गई थी. यहां तक कि जिस समय उन्हें गोली मारी गई उस वक्त कथित तौर पर उनकी बहस हो रही थी.

  • अतीत में उन्हें (सूरी को) हेट स्पीच के कई मामलों का सामना करना पड़ा है. उन्हें सिखों, दलितों और मुसलमानों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के लिए जाना जाता है. एक वीडियो में सूरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "सिख सिर्फ 2 फीसदी हैं और ऐसे में इन्हें खत्म करना बहुत आसान है."

  • 2021 में सूरी के खिलाफ एक शिकायत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी SGPC के भाई मंजीत सिंह और दमदमी टकसाल के सदस्यों ने दर्ज कराई थी.

  • उसी वर्ष, सूरी पर सिखों की लंगर प्रथा के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया गया था.

  • भगवान वाल्मीकि के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर सूरी को एससी / एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जेल भी जाना पड़ा था.

  • सिख महिलाओं के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए सूरी को गिरफ्तार करने के लिए 2020 में पंजाब पुलिस इंदौर गई थी.

  • सूरी पर 2018 में व्हाट्सएप पर जातिवादी टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था.

  • सूरी द्वारा हेट स्पीच के जो शुरुआती मामले थे उनमें से एक मामला 2014 में मुसलमानों के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी से संबंधित था.

  • सूरी की एक लड़ाई में, वह जिन बसों को चला रहे थे, उन पर उनके प्रतिद्वंद्वियों ने पत्थरों और ईंटों से हमला किया था.

  • अमेरिका स्थित सिख्स फॉर जस्टिस और इसके प्रतिनिधि गुरपतवंत सिंह पन्नून के खिलाफ शिकायत करने वालों में से एक सूरी भी थे.

सूरी के टकरावों की लंबी सूची को देखते हुए, उनकी हत्या के पीछे के मकसद को समझना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है.

हालांकि, जो प्रासंगिक है वह घटना के तुरंत बाद पंजाब पुलिस की टिप्पणी है, जिसमें कहा गया है कि संदीप सनी द्वारा 'बिना पहले से सोचे-विचारे अचानक से' गोली चलाई गई.

यदि यह कृत्य वास्तव में 'बिना पहले से सोचे-विचारे अचानक से' किया गया था, तो यह समझना मुश्किल है कि यह लांडा हरिके या उनके (सूरी के) किसी पूर्व दुश्मन की करतूत कैसे हो सकती है, क्योंकि इसके लिए कुछ पूर्व-योजना या प्री-प्लानिंग की जरूरत होगी.

हो सकता है कि पुलिस की जांच में कुछ और खुलासा हो.

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