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सुजीत की मौत से पहले मां ने कहा था- ‘रो मत बेटा,अम्मा तुझे बचाएगी’

सुजीत की मां ने बेटे को निकालने के लिए सिला था सफेद बैग

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बोरवेल में गिरे तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के दो साल के मासूम सुजीत विल्सन को नहीं बचाया जा सका. कई घंटों की मशक्कत के बाद भी एनडीआरएफ के जवान उसे बोरवेल से जिंदा निकालने में कामयाब नहीं रहे. सुजीत के लिए पूरा देश दुआएं मांग रहा था. यहां तक कि खुद पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उसकी सलामती की कामना की थी.

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इसी बीच कोई ऐसा भी था जिसे यकीन था कि उसका बेटा वापस जरूर लौटेगा. 2 साल के मासूम की मां कला मेरी को आखिरी पलों तक अपने बेटे का इंतजार था. मां की नजरें बेटे को सही सलामत देखने के लिए तरस रहीं थीं.

जब आ रही थी बच्चे के रोने की आवाज

2 साल का मासूम सुजीत कई घंटे तक जिंदा रहा और कई फीट गहरे बोरवेल से उसकी आवाज गूंजती रही. इस आवाज को सुनकर सुजीत की मां बोरवेल से अपने बच्चे को पुकारती और कहती रही कि-

“बेटा तुझे कुछ नहीं होगा रो मत... अम्मा तुझे बाहर निकाल लेगी.” लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, सुजीत की आवाज भी कम होती गई. उसकी मां फिर भी उसे पुकारती रही, लेकिन सुजीत खिसककर कई फीट नीचे जा चुका था और सब कुछ शांत हो गया था. 
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बेटे को निकालने के लिए सिला बैग

बचाव दल के ऑपरेशन से मां कला मेरी का साहस भी बढ़ता गया और मेरी ने बचाव टीम के कहने पर एक सफेद रंग का बैग भी सिला लिया था. जिससे सुजीत को बाहर निकालने की उम्मीद थी. लेकिन ये सफेद बैग काम नहीं आ सका. रिपोर्ट के मुताबिक कुछ साल पहले बोरवेल खुदवाने वाले सुजीत के पिता ब्रिटो आरोकियाराज बच्चे की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार मान रहे हैं.

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कई घंटों तक सुजीत की सलामती की दुआएं मांगने के बाद उसके मां-बाप के साथ पूरे देश की उम्मीदें खत्म हो गईं. रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही टीम ने सुजीत को मृत घोषित कर दिया. बच्चे की लाश को बोरवेल से बाहर निकाला गया. बच्चे का शव निकालने के बाद उसे मनाप्पराई सरकारी अस्पताल ले जाया गया.
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शुक्रवार को बोरवेल में गिर गया था सुजीत

दो साल का सुजीत विल्सन 25 अक्टूबर की शाम साढ़े पांच बजे खेलते समय अचानक बोरवेल में गिर गया था. 600 फीट गहरे बोरवेल में सुजीत पहले 30 फीट पर अटक गया, लेकिन बाद में खिसकते हुए लगभग 70 फीट नीचे तक चला गया. सुजीत को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की छह टीमें रेस्क्यू में लगी हुई थीं. शुरुआत में सुजीत तक पहुंचने के लिए बोरवेल के पास गड्ढा खोदने के लिए मशीनों को काम पर लगाया गया, लेकिन इलाका चट्टानी होने के कारण इसे बीच में ही रोक दिया गया.

बाद में रेस्क्यू टीम ने 'बोरवेल रोबोट' का इस्तेमाल किया, लेकिन उसके भी असफल होने के बाद बोरवेल के पास एक गड्ढा खोदा जा रहा था. 65 फीट तक गहरा गड्ढा खोदा जा चुका था. सुजीत तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी. थर्मल इमेजिंग सिस्टम के जरिए उस पर पल-पल नजर रखी जा रही थी. पहले अधिकारियों ने कहा था कि सुजीत बेहोश हो गया है, और सांस ले रहा है. लेकन बोरवेल से दुर्गंध आने के बाद ये साफ हो गया कि मासूम की मौत हो चुकी है.

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