ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुजीत की मौत से पहले मां ने कहा था- ‘रो मत बेटा,अम्मा तुझे बचाएगी’

सुजीत की मां ने बेटे को निकालने के लिए सिला था सफेद बैग

Updated
भारत
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बोरवेल में गिरे तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के दो साल के मासूम सुजीत विल्सन को नहीं बचाया जा सका. कई घंटों की मशक्कत के बाद भी एनडीआरएफ के जवान उसे बोरवेल से जिंदा निकालने में कामयाब नहीं रहे. सुजीत के लिए पूरा देश दुआएं मांग रहा था. यहां तक कि खुद पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उसकी सलामती की कामना की थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
इसी बीच कोई ऐसा भी था जिसे यकीन था कि उसका बेटा वापस जरूर लौटेगा. 2 साल के मासूम की मां कला मेरी को आखिरी पलों तक अपने बेटे का इंतजार था. मां की नजरें बेटे को सही सलामत देखने के लिए तरस रहीं थीं.
0

जब आ रही थी बच्चे के रोने की आवाज

2 साल का मासूम सुजीत कई घंटे तक जिंदा रहा और कई फीट गहरे बोरवेल से उसकी आवाज गूंजती रही. इस आवाज को सुनकर सुजीत की मां बोरवेल से अपने बच्चे को पुकारती और कहती रही कि-

“बेटा तुझे कुछ नहीं होगा रो मत... अम्मा तुझे बाहर निकाल लेगी.” लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, सुजीत की आवाज भी कम होती गई. उसकी मां फिर भी उसे पुकारती रही, लेकिन सुजीत खिसककर कई फीट नीचे जा चुका था और सब कुछ शांत हो गया था. 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बेटे को निकालने के लिए सिला बैग

बचाव दल के ऑपरेशन से मां कला मेरी का साहस भी बढ़ता गया और मेरी ने बचाव टीम के कहने पर एक सफेद रंग का बैग भी सिला लिया था. जिससे सुजीत को बाहर निकालने की उम्मीद थी. लेकिन ये सफेद बैग काम नहीं आ सका. रिपोर्ट के मुताबिक कुछ साल पहले बोरवेल खुदवाने वाले सुजीत के पिता ब्रिटो आरोकियाराज बच्चे की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार मान रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
कई घंटों तक सुजीत की सलामती की दुआएं मांगने के बाद उसके मां-बाप के साथ पूरे देश की उम्मीदें खत्म हो गईं. रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही टीम ने सुजीत को मृत घोषित कर दिया. बच्चे की लाश को बोरवेल से बाहर निकाला गया. बच्चे का शव निकालने के बाद उसे मनाप्पराई सरकारी अस्पताल ले जाया गया.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

शुक्रवार को बोरवेल में गिर गया था सुजीत

दो साल का सुजीत विल्सन 25 अक्टूबर की शाम साढ़े पांच बजे खेलते समय अचानक बोरवेल में गिर गया था. 600 फीट गहरे बोरवेल में सुजीत पहले 30 फीट पर अटक गया, लेकिन बाद में खिसकते हुए लगभग 70 फीट नीचे तक चला गया. सुजीत को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की छह टीमें रेस्क्यू में लगी हुई थीं. शुरुआत में सुजीत तक पहुंचने के लिए बोरवेल के पास गड्ढा खोदने के लिए मशीनों को काम पर लगाया गया, लेकिन इलाका चट्टानी होने के कारण इसे बीच में ही रोक दिया गया.

बाद में रेस्क्यू टीम ने 'बोरवेल रोबोट' का इस्तेमाल किया, लेकिन उसके भी असफल होने के बाद बोरवेल के पास एक गड्ढा खोदा जा रहा था. 65 फीट तक गहरा गड्ढा खोदा जा चुका था. सुजीत तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी. थर्मल इमेजिंग सिस्टम के जरिए उस पर पल-पल नजर रखी जा रही थी. पहले अधिकारियों ने कहा था कि सुजीत बेहोश हो गया है, और सांस ले रहा है. लेकन बोरवेल से दुर्गंध आने के बाद ये साफ हो गया कि मासूम की मौत हो चुकी है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×