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हरसिमरत कौर हिरासत में, सिख दंगों में मांग रही थीं इंसाफ 

मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर पुतले जलाए.

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दिल्ली में सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए इंसाफ की मांग करते हुए प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर को हिरासत में ले लिया गया. दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल ने शनिवार को 1984 के सिख दंगा पीड़ितों के इंसाफ की मांग को लेकर मार्च निकाला था. मार्च गुरुद्वारा रकाबगंज से शुरू होकर संसद मार्ग थाने के बाहर पहुंचकर खत्म हुआ. इस मार्च की अगुआई पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल कर रहे थे. दोनों को ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

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हिरासत में लिए जाने से पहले हरसिमरत कौर बादल ने मीडिया से कहा-

‘‘हमारा समुदाय पिछले 34 साल से इंसाफ मांग रहा है. हजारों सिखों की हत्या कर दी गई, कई महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और कई लोगों ने अपने घर खो दिए. ऐसी बर्बरता भारत के इतिहास पर कलंक है. किसी को इंसाफ नहीं मिला. न्यायपालिका अपनी तरफ से संज्ञान क्यों नहीं ले रही है?’’
-हरसिमरत कौर बादल, केंद्रीय मंत्री

प्रदर्शनकारियों में शामिल महिलाओं ने नारे लगाते हुए कहा कि 1984 में जनसंहार हुआ था, हम इंसाफ की मांग करते हैं. प्रदर्शनकारी अपने हाथों में बैनर लिए हुए थे. वे एक बैनर के साथ आगे बढ़ रहे थे, जिसमें लिखा था- 'सिख जनसंहार, न्याय से वंचित, हत्या जारी'. मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर पुतले जलाए.

अकाली दल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहा है. उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडीगार्ड्स द्वारा हत्या के बाद राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में सिखों की हत्या हुई थी.

(इनपुट: भाषा)

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