करीब छह महीने में घटी मुस्लिम महिलाओं की कथित नीलामी की घटना में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की हैं. बुल्ली बाई के बाद, अब दिल्ली पुलिस ने सुल्ली डील्स मामले (Sulli Deals) के 'मास्टरमाइंड' को भी धर दबोचा है. सुल्ली डील्स मामले में गिरफ्तार शख्स की पहचान 25 साल के ओंकारेश्वर ठाकुर के तौर पर हुई है, जो स्टूडेंट है.
BCA का स्टूडेंट है आरोपी
ठाकुर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) टीम ने मध्य प्रदेश के इंदौर के न्यूयॉर्क सिटी टाउनशिप से गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, ठाकुर आईपीएस अकैडमी से BCA की पढ़ाई कर रहा था.
पुलिस के मुताबिक, ठाकुर ही केस का मास्टरमाइंड है और इसी ने सुल्ली डील्स ऐप बनाया था.
मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करने वाले ग्रुप में था शामिल
IFSO DCP, केपीएस मल्होत्रा ने क्विंट को बताया कि ठाकुर ने ही कि आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वो ट्विटर पर एक ऐसे ग्रुप का सदस्य था, जिसका मकसद मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करना और ट्रोल करना था.
DCP ने बताया कि उसने गिटहब पर सुल्ली डील्स का कोड डेवलप किया. इस ऐप का एक्सेस ग्रुप के सभी सदस्यों के पास था. उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर ऐप की डीटेल्स शेयर कीं. मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ग्रुप के दूसरे सदस्यों द्वारा अपलोड की गई थी."
पुलिस के मुताबिक, ठाकुर ने ट्रैडमहासभा नाम का ये ग्रुप जनवरी 2020 में ज्वाइन किया था. बता दें कि सुल्ली डील्स का मामला जुलाई 2021 में सामने आया था.
पुलिस ने बताया कि कई ग्रुप डिस्कशन में, सदस्य मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को ट्रोल करने पर बात करते थे.
सुल्ली डील सामने आने के बाद हो गया अंडरग्राउंड
जुलाई 2020 में सुल्ली डील मामला सामने आने के बाद ओंकारेश्वर ठाकुर छिप गया था. पुलिस ने बताया, "सुल्ली डील्स की आलोचना के बाद, उसने अपने सभी सोशल मीडिया फुटप्रिंट्स डिलीट कर दिए थे." पुलिस ठाकुर के गैजेट्स की जांच कर रही है.
पिता ने कहा- "बेटे को फंसाया गया"
आरोपी के पिता अखिलेश ठाकुर का बेटे की गिरफ्तारी पर कहा कि उसे फंसाया गया है. पिता ने कहा, "मेरा बेटा आईटी एक्सपर्ट है, जो लोग पकड़ाए हैं, उनकी जानकारी पर मेरे बेटे को पकड़ा गया है. उसका लेपटॉप और मोबाइल भी पुलिस ने जब्त किया है. मेरे बेटे को फंसाया गया है." पिता का दावा है कि ओंकारेश्वर किसी भी तरह की अवैध गतिविधि में शामिल नहीं है.
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