लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के आरक्षण पर दिए गए बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने महाजन पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है. साथ ही तेजस्वी ने ये भी कहा कि किसी की हिम्मत नहीं है जो आरक्षण को छू कर भी दिखा सके.
सुमित्रा महाजन ने कहा क्या था?
दरअसल, सुमित्रा महाजन ने रांची में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान अपने संबोधन में कहा था कि डॉ भीमराव अंबेडकर सिर्फ 10 साल के लिए आरक्षण चाहते थे. उन्होंने कहा कि आंबेडकर की सोच थी कि 10 साल के अंदर बदलाव आ जाएगे, समाज में समानता आएगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
महाजन ने कहा संसद में बैठे भी लोग हर बार आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ा देते हैं. महाजन ने अपने संबोधन में कहा कि आरक्षण लेने को वालों को ये भी सोचना चाहिए कि आरक्षण लेने के बाद समाज को क्या दिया. क्या सोच नहीं बदलनी चाहिए, परिवर्तन नहीं आना चाहिए.
मुझे आरक्षण मिला, मैं कुछ जीवन में बन गया तो मैंने जीवन के कितने क्षण ऐसे बिताए सोचने में कि मैंने मेरे समाज को बांटा कितना है? ये सोचना बहुत जरूरी है. क्या उसका फायदा है? क्या आरक्षण की यही कल्पना है.
गुमराह नहीं करना चाहिए: तेजस्वी
इस बयान पर तेजस्वी यादव भड़के हुए नजर आए. उन्होंने अपने ही अंदाज में कहा-
मैडम स्पीकर, जिस 10 साल समयसीमा की आप चर्चा कर रही है वो विधायिका में आरक्षण की समय सीमा थी, सरकारी सेवाओं में आरक्षण की नहीं.
उन्होंने आगे कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को जानबूझकर देश को गुमराह नहीं करना चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि किसी में हिम्मत नहीं है जो आरक्षण को छू दे.
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