सुनंदा पुष्कर (Sunanda Pushkar) मौत मामले में दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को बरी दिया है. सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात दिल्ली के एक होटल में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई थी. उस समय दंपति होटल में रह रहा था, क्योंकि उनके घर पर मरम्मत का काम चल रहा था.
वर्चुअली अदालती कार्यवाही में भाग लेने वाले थरूर ने अदालत को सभी अपराधों से मुक्त करने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा,
साढ़े सात साल हो गए थे और यह एक यातना थी. मैं बहुत आभारी हूं"
इस मामले में आदेश पहले भी कई बार टाला जा चुका है. 27 जुलाई को, अभियोजन पक्ष ने पेश किया था कि वह रिकॉर्ड पर लाना चाहता था और आरोप तय करते समय 'प्रथम दृष्टया' मामले के पहलू पर हाल के एक फैसले पर भरोसा करना चाहता था. गोयल ने फैसले को रिकॉर्ड में रखने और इसकी कॉपी थरूर के वकील को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. हालांकि,
इससे पहले 29 अप्रैल, 19 मई और 16 जून को महामारी के कारण न्यायिक कार्य प्रभावित होने के कारण आदेश को टाल दिया गया था. कोर्ट को अभियोजन पक्ष की ओर से लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय देने का आवेदन मिलने के बाद दो जुलाई को आदेश की घोषणा फिर से स्थगित कर दी गई थी. कोर्ट ने स्पष्ट किया, "मैं और आवेदनों पर विचार नहीं करूंगा.
सुनंदा की मौत के एक दिन पहले ही ट्विटर पर सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच नोक-झोंक हुई थी. तब मेहर और थरूर के बीच अफेयर की अटकलें लगने लगी थीं. शशि थरूर और सुनंदा की शादी साल 2010 में हुई थी.
फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर दिल्ली पुलिस को जवाब दाखिल करने को कहा था. स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में पुष्कर की मौत की जांच कोर्ट की निगरानी में SIT से कराने के संबंध में याचिका दाखिल की थी.
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