सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से नियुक्त ऑक्सीजन ऑडिट पैनल (Oxygen Audit Panel) ने कहा है कि दूसरी कोविड वेव (Covid Wave) के दौरान दिल्ली सरकार ने अपनी डिमांड 'चार गुना बढ़ाकर' बताई. NDTV की खबर कहती है कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में ये रिपोर्ट दाखिल की है. जबकि दिल्ली सरकार का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है और पैनल सदस्यों ने किसी रिपोर्ट पर साइन नहीं किया.
पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा, "दिल्ली सरकार का 1140 मीट्रिक टन का दावा प्रति बेड फॉर्मूले के कैलकुलेटेड कंजप्शन से चार गुना ज्यादा था, जो कि सिर्फ 289 मीट्रिक टन था."
पैनल ने दिल्ली के अस्पतालों के दिए गए डेटा में कमियां पाई हैं. पैनल के मुताबिक, दिल्ली के चार अस्पताल- सिंघल अस्पताल, अरुणा आसिफ अली अस्पताल, ESIC मॉडल अस्पताल और लाइफरे अस्पताल में कम बेडों के साथ ज्यादा ऑक्सीजन कंजम्प्शन का दावा किया.
ऑक्सीजन ऑडिट पैनल की अध्यक्षता AIIMS डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने की. इसमें दिल्ली सरकार के प्रधान गृह सचिव भूपिंदर भल्ला, मैक्स हेल्थकेयर के डायरेक्टर संदीप बुद्धिराजा और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध यादव शामिल थे.
पैनल ने कहा,"दिल्ली में औसत कंजम्प्शन 284-372 MT का था. अतिरिक्त ऑक्सीजन सप्लाई की वजह से इसकी जरूरत रखने वाले राज्य प्रभावित हुए."
NDTV के मुताबिक, दिल्ली सरकार का डेटा कहता है कि 29 अप्रैल से 10 मई के बीच ऑक्सीजन कंजम्प्शन 350MT से ज्यादा नहीं गया.
AAP और बीजेपी में तकरार शुरू
ऑक्सीजन ऑडिट पैनल की रिपोर्ट के बाद बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "ऑक्सीजन को लेकर जिस तरह की राजनीति अरविंद केजरीवाल सरकार ने किया आज उसका पर्दाफाश हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने एक ऑक्सीजन ऑडिट पैनल स्थापित किया था. उस पैनल की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली सरकार द्वारा ऑक्सीजन की जरूरत 4 गुना बढ़ाकर दिखाई गई थी."
वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं.
“एक तथाकथित रिपोर्ट बताई जा रही है कि दिल्ली में जब कोरोना का पीक था तो ऑक्सीजन की कमी नहीं थी और ऑक्सीजन की मांग 4 गुना बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई थी. बीजेपी के नेता जिस तथाकथित रिपोर्ट के हवाले से अरविंद केजरीवाल को गाली दे रहे हैं, ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है.”मनीष सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा, "हमने ऑडिट कमेटी के कई सदस्यों से बात की, सबका कहना है कि उन्होंने किसी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर ही नहीं किए हैं. मैं बीजेपी नेताओं को चुनौती देता हूं कि वो रिपोर्ट लेकर आओ जिसे ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के सदस्यों ने मंजूरी दी हो."
ऑक्सीजन के लिए SOS
अप्रैल-मई के महीनों में जब कोरोनावायरस की दूसरी वेव चरम पर थी, तब दिल्ली के कई अस्पतालों ने लगभग रोजाना ऑक्सीजन के लिए SOS भेजा. कुछ ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों की मौत तक का दावा किया था.
ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच सोशल मीडिया पर खूब तकरार देखने को मिली. कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन सप्लाई के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया.
दिल्ली हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केंद्र ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा उन महीनों में बढ़ा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 700MT ऑक्सीजन दिल्ली को सप्लाई करने को कहा था, जबकि केंद्र का दावा था कि ये डिमांड बढ़ी हुई है.
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