लंबे समय से जेपी बिल्डर्स के पास लटका पड़ा होम बायर्स का पैसा जल्द ही उन्हें वापस मिल सकता है. उम्मीद की ये किरण सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद जगी है, जिसमें जेपी एसोसिएट लिमिटेड को 15 अप्रैल और 10 मई को दो किस्तों में 200 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा गया है. यानी कि जेपी को छह अप्रैल तक 100 करोड़ रुपये, जबकि बकाया 100 करोड़ रुपये 10 मई तक जमा करवाने होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने जेपी से कहा है कि वह रिफंड पाने के इच्छुक सभी मकान खरीददारों की परियोजना-दर-परियोजना चार्ट जमा करे, ताकि उन्हें आनुपातिक आधार पर पैसा वापस किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने जेपी से यह भी कहा है कि जो घर खरीददार अपना पैसा वापस पाना चाहते हैं, उन्हें ईएमआई की पेमेंट के लिए अब नोटिस न भेजा जाए.
- SC ने Jaypee को 10 मई तक दो किश्तों में 200 करोड़ रूपये जमा करने को कहा
- SC ने Jaypee से कहा कि वह रिफंड पाने के इच्छुक सभी मकान खरीददारों के चार्ट जमा करे
- रिफंड का विकल्प चुनने वाले होमबायर्स को फर्म की ओर से EMI भुगतान का नोटिस ना भेजा जाए
- Jaypee ने SC को बताया कि आठ प्रतिशत होम बायर्स ने रिफंड का विकल्प चुना है
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि रियल एस्टेट फर्म जेपी इंफ्राटेक दिवालियापन को लेकर कार्यवाही का सामना कर रहा है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रुप के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स से जुड़े करीब 30 हजार घर खरीददारों को समय पर फ्लैट नहीं मिला है.
सितंबर 2017 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद बेंच की ओर से 10 अगस्त को ही कंपनी को दिवालिया श्रेणी में डालने का आदेश दिया गया था. इस आदेश के बाद उन ग्राहकों की चिंताएं बढ़ गई थीं, जिन्होंने निर्माणाधीन फ्लैटों में निवेश किया है और अब तक पजेशन का इंतजार कर रहे हैं.
इसमें जेपी ग्रुप की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.
ये भी पढ़ें-
जेपी को SC की फटकार- 275 करोड़ जमा कराइए, ‘अच्छे बच्चे’ बनिए
[क्विंट ने अपने कैफिटेरिया से प्लास्टिक प्लेट और चम्मच को पहले ही 'गुडबाय' कह दिया है. अपनी धरती की खातिर, 24 मार्च को 'अर्थ आवर' पर आप कौन-सा कदम उठाने जा रहे हैं? #GiveUp हैशटैग के साथ @TheQuint को टैग करते हुए अपनी बात हमें बताएं.]
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)