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SC कॉलेजियम ने खारिज की केंद्र की आपत्ति, दोबारा भेजे जजों के नाम

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद दोबारा की सिफारिश

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भारत
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सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने दो जजों पर केंद्र सरकार की आपत्ति को खारिज करते हुए दोबारा उनके नामों की सिफारिश की है. जस्टिस एस बोपन्ना और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की सुप्रीम कोर्ट के जजों के तौर पर नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई थी. लेकिन अब कॉलेजियम की दूसरी सिफारिश के बाद केंद्र उनकी नियुक्ति को नकार नहीं सकता है.

केंद्र सरकार ने वरिष्ठता का हवाला देते हुए कॉलेजियम से जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना के नाम की सिफारिश पर एक बार फिर विचार करने को कहा था. लेकिन कॉलेजियम ने केंद्र की दलील को खारिज करते हुए एक बार फिर दोनों जजों के नाम भेजे हैं
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कॉलेजियम की बैठक में लिया गया था फैसला

झारखंड के मुख्य न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और गुवाहटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एएस बोपन्ना के नाम पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बैठक के बाद फैसला लिया. कई बिंदुओं पर चर्चा करके इन दोनों जजों के नाम की सिफारिश की गई. जस्टिस बोस देश के कई हाइकोर्ट जजों की वरीयता सूची में 12वें स्थान पर हैं, वहीं जस्टिस बोपन्ना वरीयता सूची में 36वें स्थान रखते हैं. इसी को लेकर केंद्र ने आपत्ति जाहिर की थी.

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सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने दो अन्य जजों के नाम भी केंद्र सरकार को दिए हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई और हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत के नामों की सिफारिश केंद्र को भेजी गई है. इन दोनों जजों के नाम पर बुधवार को सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने फैसला लिया.

क्या होता है कॉलेजियम?

कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट में सीनियर जजों का एक समूह होता है. यही समूह सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को तय करता है. कॉलेजियम कई नामों पर अलग-अलग बिंदुओं को देखते हुए चर्चा करता है और इसके बाद कुछ नाम सेलेक्ट कर उन्हें केंद्र के पास भेजा जाता है. वरिष्ठता के अलावा जजों के प्रदर्शन को देखते हुए भी उनके नामों की सिफारिश की जाती है.

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