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'UPSC जिहाद' शो पर SC ने लगाई रोक, कहा- 'ये काफी घातक है'

SC ने कहा- हम चैनल को यह कहने की छूट नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सर्विसेज में घुसपैठ कर रहे हैं

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सुदर्शन TV के शो 'UPSC जिहाद' के प्रसारण पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम चैनल को यह कहने की छूट नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सर्विसेज में घुसपैठ कर रहे हैं. अब इस मामले में अगली सुनवाई तक चैनल इस तरह का शो नहीं कर सकेगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने शो के प्रसारण को मंजूरी दे दी थी.

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सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और केएम जोसेफ की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की और इस केस के साथ-साथ टीवी न्यूज चैनल की ओनरशिप और टीवी डिबेट की तरीके पर कई सारी सख्त टिप्पणियां की हैं.

बार एंड बेंच के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन न्यूज के मामले में 5 नागरिकों की एक कमेटी बनाने के लिए कहा है जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मानक तक कर सकें. इस कमेटी में राजनीतिक रूप से बंटे हुए लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा, सिर्फ वही इसका हिस्सा होंगे जिनका काम सराहा जा चुका है.
  • सुदर्शन टीवी के 'UPSC जिहाद' शो पर बोलते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'शो में एंकर की शिकायत ये है कि खास समुदाय के लोग सिविल सर्विस में आ रहे हैं. ये कितना घातक है? इस तरह के घातक आरोप UPSC परीक्षा पर भी लगे हैं. बिना किसी तथ्य के ये आरोप लगाए जा रहे हैं, इसे कैसे मंजूरी दी जा सकती है? क्या स्वतंत्र समाज में इस तरह के शो को मंजूरी दी जानी चाहिए?'

  • जस्टिस जोसेफ ने मीडिया की ओनरशिप को लेकर काफी अहम बात कही. उन्होंने कहा कि 'हमें विजुअल मीडिया के ओनरशिप को देखना चाहिए. कंपनी का पूरा शेयरहोल्डिंग पैटर्न जनता को पता होना चाहिए. कंपनी का रेवेन्यू मॉडल की भी जांच होनी चाहिए ताकि पता चल सके कि सरकार किस कंपनी में ज्यादा विज्ञापन दे रही है और किसमें कम'.

  • जस्टिस जोसेफ ने मीडिया के डिबेट के तरीके पर भी सख्ती से सवाल उठाए. जज ने कहा कि 'हमें टीवी डिबेट में एंकर की भूमिका को भी देखना चाहिए. डिबेट में एंकर बोलने के लिए कितना टाइम लेता है? वो बोलने वाले के ऑडियो को म्यूट कर देते हैं और सवाल पूछते हैं'

  • जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'सुदर्शन टीवी देश को नुकसान पहुंचा रहा है और ये स्वीकार नहीं कर रहा है कि भारत विविधता से मिलकर बना है. सुदर्शन न्यूज को अपनी स्वतंत्रता का सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए.'

  • जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट होने के नाते हम आपको ये कहने की मंजूरी नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सर्विस में घुसपैठ कर रहे हैं. आप ये नहीं कह सकते है कि पत्रकार के पास ये कहने की खुली छूट है.

अब इस मामले की सुनवाई 17 सितंबर को की जाएगी तक तक ये चैनल विवादित शो का प्रसारण नहीं कर सकता है.

इसके पहले 'UPSC जिहाद' शो को केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इसे लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था और जवाब मांगा. हाईकोर्ट ने शो के टेलीकास्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.

लेकिन अब साफ हो गया है कि सुदर्शन न्यूज के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके अब अपना ये शो टीवी पर नहीं दिखा सकते हैं.

सरकार ने शो के प्रसारण को दी थी हरी झंडी

बता दें कि सुदर्शन न्यूज पर ये शो 28 अगस्त को रात 8 बजे टेलीकास्ट होना था, लेकिन इसके टीजर को लेकर काफी विवाद हुआ, जिसके बाद इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और मांग की गई कि शो के टेलीकास्ट पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इस शो के टेलीकास्ट पर रोक लगा दी थी. लेकिन भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस विवादित शो के टेलीकास्ट को हरी झंडी दे दी थी.

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