सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने एनबीसीसी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों को घर बना कर देने को कहा है.इसके साथ ही आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट्स के रेरा रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश दिए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने आम्रपाली ग्रुप की सभी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का फैसला दिया. साथ ही ईडी को घर खरीदारों के पैसों की हेराफेरी की जांच का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आम्रपाली ग्रुप ने पैसे की भारी हेराफेरी और गड़बड़ी की है. लिहाजा ईडी कंपनी के डायरेक्टर और दूसरे आला अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करे.
‘यह बेहद गंभीर धोखाधड़ी का मामला है, पैसों की भारी हेराफेरी हुई’
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली का लीज कैंसल होने के बाद प्रोजेक्ट पूरा करने की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी, यह अदालत तय करेगी. साथ ही पैसे कहां से आएंगे इस बारे में भी एक रोडपैम बनाया जाएगा.
अदालत ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि कंपनी के मालिकों ने लोगों को धोखा दिया है. यह गंभीर धोखाधड़ी का मामला है. जो भी ताकतवर लोग उनके पीछे खड़े हैं उनमें से किसी को नहीं छोड़ा जाएगा. सबके खिलाफ क्रिमिनल केस चलेगा. अथॉरिटी और बैंकर्स ने भी लोगों का विश्वास तोड़ने का काम किया है इसलिए खरीदारों को इतनी दिक्कतें उठानी पड़ी हैं.
जेल में हैं आम्रपाली के डायरेक्टर
बहरहाल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आम्रपाली के रुके हुए प्रोजेक्ट में घर खरीदारों में खुशी की लहर दौड़ गई है. आम्रपाली के हजारों फ्लैट खरीदार लंबे वक्त से कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे. बड़ी रकम देने के बावजूद उन्हें फ्लैट खरीदार नहीं मिला था. फ्लैट खरीदारों के मुकदमे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और डायरेक्टर की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया. फिलहाल आम्रपाली के सीएमडी समेत अन्य जेल में बंद हैं. जांच में पता चला कि घर खरीदारों को पैसे ने कंपनी के डायरेक्टर और आला अधिकारियों ने अपनी मौज-मस्ती में खर्च किया था.
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