दिल्ली में प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सरकार को फटकार लगाई है. दिल्ली में स्कूल खोले जाने पर सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच स्कूल क्यों खोले गए हैं. कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने के बावजूद कुछ नहीं हो रहा है.
"जब सरकार ने बड़ों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया है, तो बच्चों को स्कूल जाने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है?"सुप्रीम कोर्ट
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, "हमें लगता है कि वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बावजूद कुछ नहीं हो रहा है." कोर्ट ने कहा कि वो इंडस्ट्रियल और गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को लेकर गंभीर है, और दिल्ली सरकार को इसके लिए कदम उठाने पड़ेंगे.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि "तीन साल और चार साल के बच्चे स्कूल जा रहे हैं, लेकिन वयस्क घर से काम कर रहे हैं." दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जवाब में कहा, "स्कूलों पर, 'लर्निंग लॉस' पर बहुत बहस होती है. हमने ऑनलाइन ऑप्शन के साथ फिर से स्कूल खोले हैं."
दिल्ली सरकार के जवाब पर चीफ जस्टिस ने कड़े शब्दों में कहा, "आप कह रहे हैं कि आपने इसे वैकल्पिक छोड़ दिया है. लेकिन घर पर कौन बैठना चाहता है? हमारे बच्चे और नाति-पोतियां भी हैं. हम जानते हैं कि महामारी के बाद से वो किन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. अगर आप कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम कल सख्त कार्रवाई करेंगे. हम आपको 24 घंटे दे रहे हैं."
केंद्र और दिल्ली सरकार को 24 घंटे का वक्त
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए एक प्लान बनाने के लिए 24 घंटे का समय दिया है. कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि अगर वो प्रदूषण नियंत्रण के उपाय नहीं करते हैं, तो कोर्ट ऑर्डर पास करेगा.
कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 3 दिसंबर को सुबह 10 बजे करेगी. सुप्रीम कोर्ट की एक स्पेशल बेंच राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के संबंध में दिल्ली के एक 17 साल के छात्र की याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
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