सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों के मामले में केंद्र, बिहार सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर इस मामले में 7 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. मुजफ्फरपुर में अभी तक इसके चलते 130 बच्चों की मौत हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई.
इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट 10 दिन बाद एक बार फिर से सुनवाई करेगा. बिहार के मुजफ्फरपुर को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान एक वकील ने कोर्ट को बताया कि बुखार से बच्चों की ऐसी ही मौतें उत्तर प्रदेश में भी हुई थीं. जिसके बाद केंद्र और बिहार सरकार के अलावा यूपी सरकार को भी नोटिस जारी किया गया
सरकारी सिस्टम को फटकार?
बिहार के मुजफ्फरपुर में इतने बच्चों की मौत और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते राज्य और केंद्र सरकार पर आरोप लग रहे हैं. मौत का आंकड़ा 100 के पार पहुंचने के बाद सीएम मौके पर पहुंचे. वहीं इस मामले में उन्होंने मीडिया से भी बात करने से इनकार कर दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया था-
‘इस खतरनाक बुखार का सामना करने में सरकारी सिस्टम पूरी तरह से फेल साबित हुआ है. इसीलिए बिहार सरकार को मेडिकल सुविधाओं को बढ़ाने और ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए प्लान तैयार करने के आदेश दिए जाएं. इसके अलावा केंद्र सरकार भी इस पर कड़ा एक्शन ले’’
दहशत में हैं लोग
बिहार में फैले इस खतरनाक बुखार के बाद लोग दहशत में हैं. मुजफ्फरपुर में लोगों को अपने बच्चों की चिंता सताने लगी है. इसके चलते कई लोगों ने पलायन भी शुरू कर दिया है. कई गांवों में चमकी बुखार के चलते सन्नाटा पसर चुका है. भले ही देरी से लेकिन अब मामले को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो चुकी है. विपक्ष ने भी धीरे-धीरे मुद्दे पर बातचीत करना शुरू कर दिया है. हालांकि बीमारी की मार झेल रहे स्थानीय लोगों की मदद के लिए अभी तक कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया गया है.
बिहार के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. यहां सरकारी आंकड़े के मुताबिक अब तक 110 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं केजवाल हॉस्पिटल में 20 बच्चों की मौत की खबर है. लेकिन सरकारी आंकड़ों के इतर अगर मीडिया रिपोर्ट्स की बात करें तो अभी तक इस बुखार से 160 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है.
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