सु्प्रीम कोर्ट में बुधवार को वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ उनके एक ट्वीट से जुड़े कन्टेम्प्ट ऑफ कोर्ट के मामले में सुनवाई हुई. इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ क्यों नहीं अवमानना का मामला चलाया जाए. मामले में अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी.
सु्प्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की थी. कोर्ट ने ये कार्यवाही ट्विटर इंडिया के खिलाफ भी शुरू की है.
दो ट्वीटस और अवमानना का केस
दरअसल, प्रशांत भूषण के खिलाफ उनके दो ट्वीट्स को लेकर यह कार्यवाही शुरू की गई है. इनमें से एक ट्वीट अभी हाल ही का है. इस ट्वीट में प्रशांत भूषण ने एक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे की एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें वो एक हार्ले डेविडसन की बाइक पर बैठे नजर आते हैं. प्रशांत भूषण ने उस ट्वीट में चीफ जस्टिस बोबडे को बाइक पर बिना हेलमेट और मास्क के बैठने का आरोप लगाया था, साथ ही ये भी कहा था कि चीफ जस्टिस 50 लाख की बाइक पर बैठे हैं, जोकि बीजेपी के एक नेता की है. आगे उन्होंने कहा था कि कोर्ट को लॉकडाउन में बंद रखा जा रहा है और लोगों से उनका न्याय का अधिकार छीना जा रहा है.
वहीं एक और ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा था कि पिछले छह सालों में देश के चार चीफ जस्टिस की लोकतंत्र बर्बाद करने में भूमिका रही है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्णा मुरारी की बेंच कर रही है.
ट्विटर से भी SC का सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के ट्वीट पर ट्विटर से भी पूछा है कि अवमानना की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी उसने खुद से ट्वीट क्यों नहीं डिलीट किया. इसपर ट्विटर की ओर से पेश वकील साजन पोवैया ने जवाब में कहा कि अगर कोर्ट आदेश देता है तो ही ट्वीट डिलीट किए जा सकते हैं, ट्विटर खुद से किसी ट्विट को डिलीट नहीं कर सकता.
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