ADVERTISEMENTREMOVE AD

Recap: मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, अशोक स्वैन का ओसीआई कार्ड बहाल

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को किन-किन मामलों की सुनवाई की? यहां जानें.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर सत्येन्द्र जैन को दी गई अंतरिम जमानत बढ़ा दी

आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन को सुप्रीम कोर्ट ने उनके ऊपर चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेडिकल आधार पर दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी है.

न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई के दौरान जैन की मेडिकल रिपोर्ट सबूत के तौर पर पेश की जाए.

26 मई को शीर्ष अदालत ने जैन को छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी. इस आधार पर कि वह अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज करा सकेंगे. 

ADVERTISEMENTREMOVE AD

SC ने टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया

कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सांसद और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को तलब करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. अदालत ने 18 मई को कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा. जिसमें प्रवर्तन निदेशालय को बनर्जी को तलब करने की अनुमति दी गई थी.

CJI डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बनर्जी द्वारा दायर याचिका को संबोधित करते हुए जांच को आगे बढ़ने की अनुमति देने के महत्व पर जोर दिया.

दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रोफेसर अशोक स्वैन का OCI कार्ड रद्द करने का केंद्र सरकार के आदेश पर रोक लगा दी

दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वीडन में रहने वाले भारतीय मूल के प्रोफेसर अशोक स्वैन का ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड रद्द करने के केंद्र सरकार के आदेश को रद्द कर दिया.

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि आदेश जो पूरी तरह से नागरिकता अधिनियम की धारा 7डी(ई) पर निर्भर था, उसमें स्वैन की OCI स्थिति को रद्द करने के लिए कोई ठोस कारण नहीं था. अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि निर्णय लेने में सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श की कमी थी.

स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय में शांति और संघर्ष अनुसंधान में विशेषज्ञता वाले अकादमिक अशोक स्वैन ने फरवरी 2022 में अपना ओसीआई कार्ड रद्द होने के बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

उन्होंने तर्क कहा कि उनका ओसीआई कार्ड रद्द इसलिए हुआ क्योंकि वह वर्तमान भारत सरकार के आलोचक रहे हैं. अदालत के फैसले ने कैंसिलेशन को खत्म कर दिया और स्वैन का ओसीआई कार्ड बहाल कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सेवा अध्यादेश के खिलाफ याचिका पर सरकार से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सेवा अध्यादेश की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

यह अध्यादेश दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को व्यापक शक्तियां प्रदान करता है, जिससे उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में सिविल सेवकों के स्थानांतरण और पोस्टिंग की निगरानी करने की अनुमति मिलती है.

CJI डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेना को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम यूट्यूब न्यूज चैनल के संपादक को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम यूट्यूब न्यूज चैनल 'मरुनादन मलयाली' के संपादक शाजन स्करिया को एससी/एसटी अधिनियम के तहत दर्ज एक आपराधिक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की.

मामला स्करिया द्वारा विधायक पीवी श्रीनिजिन के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित है.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने टिप्पणी की कि स्करिया के बयान मानहानिकारक हो सकते हैं, लेकिन वे एससी/एसटी अधिनियम के तहत अपराध नहीं बनते हैं.

'हम कानून-व्यवस्था नहीं चला सकते': मणिपुर हिंसा याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट

मणिपुर में चल रहे संघर्ष याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की कि सुप्रीम कोर्ट कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह कर्तव्य निर्वाचित सरकार के दायरे में आता है.

NDTV के अनुसार उन्होंने कहा, "यह वह मंच नहीं है जहां हम ऐसा करते हैं. हमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के प्रति सचेत रहना चाहिए. हम कानून और व्यवस्था नहीं चला सकते. यह चुनी हुई सरकार चलाती है."

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कुकी समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्वेस को जवाब देते हुए यह बात कही. गोंसाल्वेस ने मणिपुर की स्थिति से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×