धरना-प्रदर्शन के लिए दिल्ली में फेमस रहे जंतर-मंतर इलाके में आने वाले समय में फिर से धरना-प्रदर्शन देखने को मिल सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती. कोर्ट ने जंतर-मंतर और इंडिया गेट के पास बोट क्लब पर प्रदर्शन की अनुमति देने के संबंध में केन्द्र से दिशा-निर्देश तय करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों और नागरिकों के परस्पर विरोधी अधिकारों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है.
वोट क्लब पर भी प्रदर्शन की मिलेगी अनुमति
जंतर-मंतर के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया गेट के पास बोट क्लब पर भी प्रदर्शन की अनुमति देने के संबंध में केन्द्र सरकार से गाइलाइंस बनाने को कहा है. बता दें कि साल 1993 तक धरना-प्रदर्शन के लिए वोट क्लब ही दिल्ली में ठिकाना होता था. 1993 में धरना-प्रदर्शन के जगह को वोट क्लब से जंतर-मंतर शिफ्ट किया गया था.
NGT के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
मजदूर किसान शक्ति संगठन और अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सेंट्रल दिल्ली में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की इजाजत देने की मांग की थी. याचिकाकर्ताओं का कहना है एनजीटी की रोक के बाद से आम लोगों के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने में कठिनाई आ रही है. ऐसे में लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को गाइडलाइंस बनाने को कहा है.
अक्टूबर 2017 में NGT ने लगाई थी रोक
पिछले साल अक्टूबर में NGT ने जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. जबकि पूरी सेंट्रल दिल्ली में दिल्ली पुलिस की ओर से हमेशा के लिए धारा 144 लगाई गई. इसके बाद से धरना प्रदर्शन के लिए रामलीला मैदान की तरफ ही रुख करना पड़ता था.
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