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शिवकुमार मामला: ED को SC की फटकार- लोगों से ऐसे ना आएं पेश

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शिवकुमार को 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था

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सुप्रीम कोर्ट ने 15 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को जमानत देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.

सुप्रीम कोर्ट में ईडी की याचिका को खारिज करने का फैसला जस्टिस रोहिंटन नरीमन और जस्टिस रविंद्र एस भट की बेंच ने किया.

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इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी के लिए दलीलें रखीं. उन्होंने कोशिश की कि ईडी की याचिका खारिज ना हो. हालांकि, बार एंड बेंच के मुताबिक, जस्टिस नरीमन ने उनसे कहा, ‘’देश के लोगों को इस तरह ट्रीट नहीं करना चाहिए.’’ 

बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शिवकुमार को 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद शिवकुमार न्यायिक हिरासत में थे क्योंकि विशेष अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह 23 अक्टूबर को तिहाड़ जेल से बाहर आ गए थे.

दिल्ली हाई कोर्ट ने शिवकुमार को जमानत देते हुए कहा था कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते क्योंकि सारे दस्तावेज जांच एजेंसी के कब्जे में हैं. 

मगर ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि शिवकुमार एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, वह रिहा होने पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.

बता दें कि कर्नाटक में 7 बार के विधायक शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत कथित अपराध के लिए मामला दर्ज किया गया था. यह मामला बेंगलुरु की विशेष अदालत में पिछले साल इनके खिलाफ करोड़ों रुपये की कथित टैक्स चोरी और हवाला लेनदेन के आरोपों में आयकर विभाग द्वारा दाखिल चार्जशीट के आधार पर दर्ज किया गया था.

आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके सहयोरी एस के शर्मा पर आरोप लगाया था कि वे 3 अन्य आरोपियों की मदद से हवाला के जरिए नियमित रूप से बगैर हिसाब किताब के बहुत बड़ी रकम के लेन देन कर रहे थे.

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