ADVERTISEMENT

इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक की मांग को लेकर कल आदेश दे सकता है SC

विधानसभा चुनावों से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक की मांग को लेकर है याचिका

Published
भारत
2 min read
इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक की मांग को लेकर कल आदेश दे सकता है SC
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

5 राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को आदेश जारी कर सकता है. इससे पहले कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.

ADVERTISEMENT

इस मामले में इलेक्टोरल बॉन्ड के खिलाफ NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने याचिका दायर की है.

इलेक्टोरल बॉन्ड पर SC जारी कर सकता है आदेश

इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने की मांग को लेकर बुधवार को NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपान्ना और वी रामासुब्रह्मणयम की बेंच ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण, चुनाव आयोग की ओर से अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया के के वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी की दलीलों को सुना.अब 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट इलेक्टोरल बॉन्ड सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी कर सकता है.

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर क्विंट ने पब्लिश की थी पूरी सीरीज

क्विंट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के बारे में सवालों से भरी रिपोर्ट की पूरी सीरीज प्रकाशित की है जो लोकतंत्र पर खतरे के बारे में लगातार आगाह करती रही हैं. केंद्र सरकार, आरबीआई और चुनाव आयोग से साझा किए गए इन लेखों में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी चिंताओं को रेखांकित किया गया है, जिनमें बेनामी लेन-देन, मनी लॉन्ड्रिंग और बॉन्ड सर्टिफिकेट में मौजूद गोपनीय नंबर के तौर पर सूचनाएं, जो सत्ताधारी दल की मदद कर सकती हैं, से जुड़ी आशंकाएं शामिल हैं. 2018 में स्वयंसेवी संगठनों और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें योजना की अपारदर्शिता के बारे में क्विंट के लेख का जिक्र था.

इलेक्टोरल बॉन्ड के खुलासे पर क्विंट को मिल चुका है रामनाथ गोयनका अवॉर्ड

बता दें कि पूनम अग्रवाल ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर कई खुलासे किए. बॉन्ड पर छुपे हुए यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड से लेकर डोनर के गुमनाम होने के सरकारी दावे की सच्चाई तक, पूनम ने इन बॉन्ड्स के हर पहलू को कवर किया. जनहित में रिपोर्टिंग और उसके प्रभाव के लिए पूनम को 'इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग' का अवॉर्ड दिया गया है.

चुनाव आयोग इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक के खिलाफ

इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक के खिलाफ है. हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि वे इलेक्टोरल बॉन्ड का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसमें अधिक पारदर्शिता चाहते हैं.

वहीं याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे का स्त्रोत पता नहीं चलता है. कॉर्पोरेट कंपनियों से मिलने वाला यह गुप्त दान लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×