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अयोध्या मामला: मध्यस्थता पर कल फाइनल हो सकते हैं जजों के नाम

अयोध्या मामले पर शुक्रवार को तय होगी मध्यस्थता के लिए जजों की बेंच

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भारत
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अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में अब सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच शुक्रवार को मध्यस्थता पर फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट कल मध्यस्थता के लिए जजों के नाम भी तय कर सकता है. यह तय किया जाएगा कि इस मामले को लेकर मध्यस्थता के लिए कितने और किन जजों का पैनल होगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जजों ने कहा था कि इस मामले का समाधान मध्यस्थता से ही हो सकता है. इसके बाद निर्मोही अखाड़ा और हिंदू महासभा की तरफ से जजों के नाम भी सुझाए गए थे.

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सुझाए गए तीन-तीन जजों के नाम

इस मामले की मध्यस्थता के लिए निर्मोही अखाड़ा और हिंदू महासभा की तरफ से तीन-तीन जजों के नाम सौंपे गए थे. हिंदू महासभा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता के लिए दिए गए तीन नामों में पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस जेएस खेहर का नाम शामिल हैं. हिंदू महासभा की तरफ से कहा गया है कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं. वहीं निर्मोही अखाड़ा की तरफ से भी तीन नाम दिए हैं. इन नामों में रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसेफ, पूर्व जस्टिस एके पटनायक और पूर्व जस्टिस जीएस सिंघवी के नाम शामिल हैं.

सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने कहा था, ‘ये सिर्फ जमीन का नहीं, भावनाओं का मामला है. ये दिल, दिमाग और भावनाओं से जुड़ा मामला है, जो धर्म और विश्वास से जुड़ा है. हम विवाद की गंभीरता को लेकर सचेत हैं.’
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5 सदस्यों की पीठ ने दिया था मध्यस्थता का सुझाव

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने विभिन्न पक्षों से मध्यस्थता के जरिये इस दशकों पुराने विवाद का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान किये जाने की संभावना तलाशने को कहा था.

रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई के दौरान सुझाव दिया था कि अगर इस विवाद का आपसी सहमति के आधार पर समाधान खोजने की एक प्रतिशत भी संभावना हो तो संबंधित पक्षकारों को मध्यस्थता का रास्ता अपनाना चाहिए.

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