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बाबरी विध्वंस पर फैसला सुनाने वाले जज को अब नहीं मिलेगी सुरक्षा-SC

सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज की सुरक्षा बढ़ाए जाने की अपील को किया खारिज

Published
भारत
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हाल ही में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अपना फैसला सुनाया था और सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. ये ऐतिहासिक फैसला जस्टिस एसके यादव ने सुनाया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट से उनकी सुरक्षा को बढ़ाने की अपील की गई थी. जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

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जज ने की थी सुरक्षा बढ़ाने की अपील

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस नरीमन की बेंच ने इस मामले को लेकर सुनवाई करते हुए कहा कि, हमें नहीं लगता है कि अब आगे इस मामले में सुरक्षा सुरक्षा दी जाने की जरूरत है. बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस पर फैसला सुनाने वाले रिटायर्ड स्पेशल सीबीआई जज यादव ने खुद लिखित में एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि इस केस की सेंसिटिविटी को देखते हुए उनकी सुरक्षा को आगे बढ़ा दिया जाना चाहिए. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले को लेकर 28 साल बाद 30 सितंबर 2020 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया. जिसमें स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस केस के आरोपियों में बीजेपी के बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और 29 अन्य लोग शामिल थे.

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आरोपियों को बरी करने पर क्या थी दलील?

कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद का ढहाया जाना पहले से सुनियोजित नहीं था. यानी इसकी प्लानिंग नहीं की गई थी. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. वहीं ये भी कहा गया कि असामाजिक तत्वों ने बाबरी मस्जिद ढांचा गिराने की कोशिश की थी और आरोपी नेताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी.

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