भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक शुरू हो चुकी है. जिसमें भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पूरी दुनिया को आतंकवाद से लड़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के लिए हर देश को जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की जरूरत है. सुषमा स्वराज भारतीय वायुसेना की तरफ से एलओसी पर की गई कार्रवाई के ठीक बाद चीन में हो रही इस बैठक में हिस्सा ले रही हैं.
पुलवामा हमले का जिक्र
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन में हो रही इस बाइलेटरल मीटिंग में पुलवामा हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पुलवामा में हमारे जवानों पर भीषण हमला हुआ. यह हमला पाकिस्तान में पल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया. पाकिस्तान की तरफ से इस आतंकी संगठन को सपोर्ट मिलता है. इस हमले में हमने अपने 40 जवान खो दिए. ऐसे हमले पूरी दुनिया को यह बताने के लिए हैं कि आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए और इसके लिए कड़े कदम उठाएं.
इससे पहले चीन कई बार आतंकी मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी बताने से इनकार कर चुका है. ऐसे में भारत के लिए चीन को समझाने की चुनौती है कि आतंकी संगठन के सरगना पर कोई बड़ी कार्रवाई बेहद जरूरी है
जैश-ए-मोहम्मद पर हो कड़ी कार्रवाई
सुषमा स्वराज ने कहा कि इंटरनेशनल कम्युनिटी को जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तान में मौजूद अन्य आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. क्योंकि पाकिस्तान लगातार किसी भी हमले में वहां स्थित आतंकी संगठनों के नाम लेने से इनकार करता आया है. पाकिस्तान के इनकार करने के बाद हमें जानकारी मिली कि जैश भारत पर फिर पुलवामा जैसे ही हमला करने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद किसी भी नागरिक को नुकसान पहुंचाए बगैर पाकिस्तान में स्थित जैश के ठिकानों को निशाना बनाया गया.
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