विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ताजिकिस्तान में हैं. यहां वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिन के सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंची हैं. इस सम्मेलन में जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का अपने पाकिस्तानी समकक्ष से आमना-सामना हुआ तो दोनों के बीच की तल्खी साफ नजर आई. बताया जा रहा है कि सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई. फोटो सेशन के दौरान भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री एसएम कुरैशी को नजरअंदाज कर दिया.
बता दें कि सीमा पर पाकिस्तानी सेना के वक्त-बेवक्त फायरिंग और हिंदुस्तानी सैनिकों के शहीद होने से भारत सरकार बेहद नाराज है. यूएन में भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के प्रति अपनी नाराजगी जता चुकी हैं.
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SARC देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भी किया था नजरअंदाज
बीते महीने सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भी विदेश मंत्री ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को नजरअंदाज किया था. इस बैठक में सुषमा स्वराज ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को खूब खरी-खरी सुनाई थी. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा था कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. इसे हर रूप में खत्म करने की जरूरत है. इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे. लेकिन सुषमा उनके भाषण से पहले ही बैठक से चली गई. इससे पाकिस्तान को बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी.
बैठक के बीच में ही सुषमा के चले जाने पर कुरैशी ने कहा, 'मेरी उनसे (सुषमा स्वराज) कोई बातचीत नहीं हुई. मैं यही कह सकता हूं कि वह बैठक के बीच में ही चली गईं. शायद वह ठीक महसूस नहीं कर रही थीं.'
हालांकि, भारतीय राजनयिक सूत्रों ने कहा कि बैठक से जाने वाली सुषमा पहली मंत्री नहीं थीं. उनसे पहले अफगानिस्तान और बांग्लादेश के विदेश मंत्री भी चले गए थे. उन्होंने कहा कि सुषमा की अन्य व्यस्तताएं थीं.
SCO समिट में आतंकवाद समेत अन्य वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन में अहम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के अलावा आतंकवाद से मुकाबला करने में परस्पर सहयोग से संबंधित चर्चा हुई. इसके अलावा एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद की बैठक में सीरिया, अफगानिस्तान और कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति पर भी समीक्षा हुई.
जून, 2017 में भारत के एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद शासनाध्यक्ष परिषद की यह दूसरी बैठक है.
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