इराक के मोसुल से लापता हुए 39 भारतीयों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को संसद में बयान दिया. उन्होंने कहा, “इराक के मोसुल से अगवा हुए 39 लोग के बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. उन लोगों के न मारे जाने की खबर है और न ही जिंदा होने की’’.
सुषमा स्वराज ने संसद में चल रहे हंगामे के बीच कहा कि वो इस मुद्दे पर शांति से बात करना चाहती हैं, क्योंकि पूरा देश इस बात को जानना चाहता है.
कुछ नेता कह रहे हैं कि मैं लापता लोगों को मरा हुआ घोषित नहीं कर अंधेरे में रख रही हूं, लेकिन मेरे पास उनके जिंदा होने का सबूत नहीं है. हालांकि, मेरे पास उनके मारे जाने का भी कोई ठोस सबूत नहीं है तो फिर मैं कैसे कह दूं.सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री
जब तक पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते तब तक उन्हें मरा घोषित नहीं किया जा सकता है. लेकिन अगर किसी पीड़ित परिवार का भरोसा मुझसे उठ गया हो तो वो चाहें तो उन्हें मरा मान सकते हैं. जब तक लापता लोगों के मरने की पुष्टि नहीं होती है, मैं फाइल बंद नहीं कर सकती.सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री
क्या है पूरा मामला?
साल 2014 में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इराक के मोसुल पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से 39 भारतीय लापता हैं. इनमें से ज्यादातर पंजाब के रहने वाले थे. यह मामला नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के 20 दिन बाद हुआ था.
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