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पटना समेत बिहार के कई शहर सबसे गंदे, लालू बोले-हमें दोष नहीं दोगे?

स्वच्छ सर्वेक्षण में बिहार के कई शहरों की रैंकिंग काफी खराब

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केंद्र सरकार की तरफ से किए जाने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे सामने आ चुके हैं. जिसमें बताया गया है कि देश के कौन से ऐसे शहर हैं जहां सबसे ज्यादा साफ-सफाई है और कौन से वो शहर हैं जो देश में सबसे ज्यादा गंदे हैं. जहां मध्य प्रदेश के इंदौर ने लगातार चौथी बार सबसे साफ शहरों की लिस्ट में अपना नाम पहले नंबर पर दर्ज कराया, वहीं बिहार इस बार भी फिसड्डी साबित हुआ. बिहार की राजधानी पटना का नाम सबसे गंदे शहरों की लिस्ट में टॉप पर है. जिस पर अब विपक्षी दलों ने तंज कसना भी शुरू कर दिया है.

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दरअसल हर साल की तरह इस साल भी स्वच्छता सर्वेक्षण कराया गया. जिसमें निकायों को जनसंख्या के हिसाब से बांटा गया और उनकी रैंकिंग तय की गई. इसमें दो कैटेगरी के शहरों को शामिल किया गया, पहले वो जहां 10 लाख से अधिक की आबादी है और दूसरे वो जहां 10 लाख से कम लोग रहते हैं.

10 लाख से ज्यादा आबादी के शहर

सबसे साफ शहर

  1. इंदौर - मध्य प्रदेश
  2. सूरत - गुजरात
  3. नवी मुंबई- महाराष्ट्र
  4. विजयवाड़ा - आंध्र प्रदेश
  5. अहमदाबाद - गुजरात
  6. राजकोट - गुजरात
  7. भोपाल - मध्य प्रदेश
  8. चंडीगढ़ - पंजाब
  9. जवीएमसी, विशाखापत्तनम- आंध्र प्रदेश
  10. वडोदरा - गुजरात

सबसे गंदे शहर

  1. पटना - बिहार
  2. ईस्ट दिल्ली - दिल्ली
  3. चेन्नई - तमिलनाडु
  4. कोटा - राजस्थान
  5. नॉर्थ दिल्ली - दिल्ली
  6. मदुरई - तमिलनाडु
  7. मेरठ - उत्तर प्रदेश
  8. कोयंबटूर - तमिलनाडु
  9. अमृतसर - पंजाब
  10. फरीदाबाद - हरियाणा

10 लाख से कम आबादी के शहरों में टॉप पर छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर, उसके बाद कर्नाटक का मैसूर दूसरे और नई दिल्ली तीसरे नंबर पर हैं.

वहीं इस लिस्ट में सबसे गंदे शहरों में बिहार के कई शहर शामिल हैं. जिनमें गया, बक्सर, भागलपुर, परसा बाजार, बिहार शरीफ और सहरसा जैसे शहर हैं.

लालू बोले- इसका दोष हमें नहीं दोगे?

बिहार के शहरों का स्वच्छता सर्वेक्षण में ये हाल देखकर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी चुटकी ली. उन्होंने ट्विटर पर नीतीश कुमार और सुशील मोदी से पूछा कि क्या इस बार भी इसके लिए हमें जिम्मेदार नहीं ठहराएंगें. उन्होंने लिखा, "का हो नीतीश-सुशील? इसका दोष हमें नहीं दोगे क्या? शर्म तो नहीं आ रही होगी इस कथित सुशासनी और विज्ञापनी सरकार के लोगों को??"

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