बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि वे मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रह्मण्यम को हटाने की मांग बंद कर देंगे.
स्वामी ने एक ट्वीट में कहा है कि यदि केंद्र सरकार यह कहती है कि हम अरविंद सुब्रह्मण्यम के बारे में सब कुछ जानते हैं, फिर भी वे बेशकीमती हैं, तो मैं अपनी मांग बंद कर दूंगा और उन घटनाओं का इंतजार करूंगा, जिनसे सच्चाई साबित हो जाए.
इससे पहले, स्वामी ने अरविंद सुब्रह्मण्यम पर निशाना साधते हुए उन पर भारत-अमेरिकी आर्थिक रिश्तों में सिर्फ अमेरिका की मदद करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी.
क्या है मामला?
रघुराम राजन के हटाने की मांग और उस पर छिड़े विवाद के बाद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कुछ उसी तरह के आरोप मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम पर भी लगाए.
स्वामी ने सुब्रह्मण्यम पर अमेरिकी ग्रीन कार्ड होल्डर होने और भारतीय हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था.
स्वामी के मुताबिक, अरविंद सुब्रह्मण्यम ने अमेरिकी संसद में 13 मार्च, 2013 को कहा था, ‘भारतीय कंपनियों और निर्यातकों के खिलाफ अमेरिका के भेदभाव की शुरुआत से भारत पर अपना दरवाजा खोलने का दबाव पड़ेगा’.
अरुण जेटली को आना पड़ा सीईए के बचाव में
अरविंद पर स्वामी के व्यक्तिगत हमले के बाद सरकार को बुधवार को उनका बचाव करना पड़ा. मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली सामने आए.
अरुण जेटली ने सीईए का बचाव करते हुए कहा था कि वह और बीजेपी, सुब्रह्मण्यम स्वामी के नजरिए से सहमति नहीं रखते. उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों पर आरोप लगाना बंद करना चाहिए जो सरकार में हैं और जवाब नहीं दे सकते.
गौरतलब है कि अरविंद सुब्रह्मण्यम की नियुक्ति अक्टूबर, 2014 में देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर की गई थी.
-इनपुट IANS से
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