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ताजमहल एक मकबरा है या शिव मंदिर? सीआईसी ने सरकार से मांगा जवाब

सेंट्रल इंफॉर्मेशन कमीशन (सीआईसी) ने सरकार से पूछा है कि वो बताएं कि ताजमहल मकबरा है या शिव मंदिर?

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ताजमहल एक शिव मंदिर है. ये बात अक्सर वॉट्सऐप और सोशल मीडिया पर लोग फैलाते रहते हैं. लेकिन अब ये सवाल इतना बड़ा बन गया है कि सेंट्रल इंफॉर्मेशन कमीशन (सीआईसी) ने सरकार से पूछा है कि वो बताएं कि ताजमहल मकबरा है या शिव मंदिर?

दरअसल आरटीआई के जरिए एक शख्स ने ताजमहल का इतिहास जानने के लिए सवाल पूछा था. जिसके बाद सीआईसी ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय से जवाब मांगा है.

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क्या है ताजमहल से जुड़ा विवाद?

इतिहासकार पीएन ओक और योगेश सक्सेना अपनी किताब Taj Mahal: The True Story में ये दावा करते हैं कि ताजमहल एक मकबरा नहीं बल्कि शिव मंदिर है.

उनकी किताब के मुताबिक -

ताजमहल एक शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजो महालय है. साथ ही ताजमहल शाहजहां ने नहीं बल्कि एक हिंदू राजा जय सिंह ने बनवाया था.

सरकारी इतिहास में ताजमहल की कहानी

ताज महल की सरकारी वेबसाइट जो पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश के अंदर आती है, उसके मुताबिक ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने 1628-1658 में अपनी बेगम अर्जुमंद बानो उर्फ बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था.

क्या कहना है सीआईसी का?

सीआईसी कमिश्नर श्रीधर आचार्यालु ने हाल ही में एक ऑर्डर में कहा है कि संस्कृति मंत्रालय ताजमहल के इतिहास के बारे में सही जानकारी दे और इसपर उठ रहे सवाल का जवाब दे. सीआईसी ने ये भी पूछा है कि इस मामले में ये भी साफ किया जाए कि-

दुनिया के 7 अजूबों में शामिल संगमरमर से बनी ये इमारत शाहजहां का बनवाया हुआ मकबरा है. या एक राजपूत राजा की तरफ से मुगल शासक को तोहफे में दिया गया कोई शिवालय है?

इस मामले में सिर्फ संस्कृति मंत्रालय ही नहीं बल्कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) से भी सवाल किया गया है. और उनसे इस पूरे मामले पर अपने सर्वे के आधार पर जवाब देने को कहा गया है.

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