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अफगानिस्तान पर UNSC की आपात बैठक, भारत और अमेरिका ने क्या कहा?

बैठक में अफगानिस्तान ने कहा कि तालिबान अपने वादों का सम्मान नहीं कर रहा है.

Published
भारत
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अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban in Afghanistan) के राज पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने हालात पर चर्चा करने के लिए इमरजेंसी बैठक की. बैठक में अफगानिस्तान के प्रतिनिधि गुलाम एम इसाकजई ने कहा कि तालिबान अपने वादों का सम्मान नहीं कर रहा है और स्थानीय लोग डर में जी रहे हैं. इसाकजई ने कहा, "मैं उन लाखों अफगान लड़कियों और महिलाओं की बात कर रहा हूं, जो स्कूल जाने और सामाजिक जीवन में भाग लेने की अपनी आजादी खोने वाली हैं."

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UNSC में अफगानिस्तान के प्रतिनिधि, गुलाम एम इसाकजई ने कहा,

"आज मैं अफगानिस्तान के लाखों लोगों की ओर से बोल रहा हूं. मैं उन लाखों अफगान लड़कियों और महिलाओं की बात कर रहा हूं, जो स्कूल जाने और राजनीतिक-आर्थिक और सामाजिक जीवन में भाग लेने की अपनी आजादी खोने वाली हैं. तालिबान, दोहा और दूसरे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने बयानों में किए गए वादों और प्रतिबद्धताओं का सम्मान नहीं कर रहा है. अफगानिस्तान के लोग डर में जी रहे हैं."

इसाकजई ने कहा कि तालिबान ने कुछ इलाकों में घर की तलाशी शुरू कर दी है और अपनी टारगेट लिस्ट के लिए वो लोगों की तलाशी कर रहा है.

मानवाधिकारों की रक्षा के लिए UN महासचिव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की अपील

संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव, एंटोनियो गुटेरेस ने अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है. UN प्रुमख ने कहा कि दुनिया देख रही है और हमें अफगानिस्तान के लोगों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.

UN प्रमुख ने कहा, "मैं सभी पार्टियों को मानवीय मदद देने की अपील करता हूं. मैं सभी देशों से अपील करता हूं कि वो शरणार्थियों को स्वीकार करें और डिपोर्टेशन से बचें."

गुटेरेस ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक आवाज होनी चाहिए. उन्होंने UNSC और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक साथ खड़े हो कर एक साथ काम करने का आग्रह किया और कहा कि अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकवादी खतरे को दबाने के लिए हर संभव कदम उठाएं और ये गारंटी दें कि बुनियादी मानवाधिकारों का सम्मान किया जाएगा.

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उन्होंने कहा, "मैं तालिबान और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और सभी व्यक्तियों के अधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान करने और उनकी रक्षा करने की अपील करता हूं."

"अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते मानवाधिकारों के उल्लंघन से चिंतित हूं, जो काले दिनों की वापसी से डर में हैं."
UN प्रमुख

गुटेरेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ये सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना चाहिए कि अफगानिस्तान को फिर कभी आतंकवादी संगठन के लिए एक मंच या सुरक्षित पनाहगाह के रूप में उपयोग नहीं किया जाएगा.

UN प्रमुख ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवाधिकारों पर प्रतिबंधों की चौंकाने वाली रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं.

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UNSC में भारत का जवाब

UN में भारत के अंबैस्डर, टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अगर ये सुनिश्चित किया जाता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा किसी दूसरे देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाता है, तो पड़ोसी क्षेत्र सुरक्षित महसूस करेंगे.

'अपने यहां अफगान लोगों को बसा रहा अमेरिका'

UN में अमेरिका की अंबैस्डर, लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका उदार होने का वादा करता है और अपने देश में अफगानों को फिर से बसा रहा है. उन्होंने कहा, "हम अफगानिस्तान के पड़ोसियों और दूसरे देशों से अफगान लोगों को शरण देने का आग्रह करते हैं."

थॉमस-ग्रीनफील्ड ने आगे कहा कि संकट में फंसे लोगों को मदद नहीं मिल पाने से अमेरिका चिंतित है. उन्होंने कहा, "वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के मुताबिक, 500 टन से मदद वर्तमान में तालिबान के कब्जे वाली सीमा क्रॉसिंग पर रुकी हुई है. ये मदद तुरंत फिर से शुरू होनी चाहिए."

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