तमिलनाडु के वन मंत्री डिंडीगुल श्रीनिवासन के एक आदिवासी लड़के से अपने जूते उतरवाने पर विवाद हो गया है. गुरुवार 6 फरवरी को श्रीनिवासन ने थेप्पाकाडु में एक हाथी शिविर के उद्घाटन के दौरान आदिवासी लड़के से उनके जूते उतारने को कहा.
श्रीनिवासन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसमें आदिवासी समुदाय का एक लड़का उनके जूते उतारते दिखाई दे रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस घटना को लेकर नाराजगी जाहिर की है.
वीडियो में श्रीनिवासन कह रह रहे हैं, "ऐ, यहां आओ, यहां आओ. मेरे जूते उतारो." लड़के ने जब उनके जूते उतार दिए तो वो मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए.
श्रीनिवासन मुदुमलाई बाघ अभयारण्य में हाथी शिविर का उद्धाटन करने आए थे. वो जब जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ शिविर की ओर बढ़ रहे थे, तभी उन्होंने एक आदिवासी लड़के को बुलाया और उससे जूते उतारने को कहा, ताकि वो मंदिर में जाकर पूजा कर सकें.
लड़के ने सभी की मौजूदगी में मंत्री के जूते उतारे. ये साफ नहीं है कि श्रीनिवासन ने लड़के से अपने जूते क्यों उतरवाए.
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर मंत्री की काफी आलोचना हो रही है. लोग उनके खिलाफ एससी/एसटी कानून के तहत कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं.
"आदिवासियों के भी अधिकार हैं"
क्विंट ने इस मामले में वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट अंटोनी रुबिन से बात की है. रुबिन ने कहा, "आदिवासियों के भी अधिकार हैं न? आज के समय में जब हम समानता की बात करते हैं, तो मंत्री की ऐसी हरकत से लगता है कि हम पीछे जा रहे हैं."
वो एक बच्चा था. अगर आप इज्जत नहीं कर सकते तो बेइज्जत भी मत कीजिए. मंत्री के साथ उनकी मदद के लिए कई लोग थे.अंटोनी रुबिन, वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट
रुबिन ने कहा कि मंत्री या किसी विशेषाधिकार प्राप्त शख्स को ये नहीं सोचना चाहिए कि वो किसी गरीब का उत्पीड़न कर सकते हैं.
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