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खुले में शौच करने पर दलित लड़के को मल खाने पर मजबूर करने का आरोप

घटना कथित तौर से तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के पेन्नाग्राम में हुई

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तमिलनाडु के एक दलित परिवार ने आरोप लगाया है कि एक कास्ट हिंदू जमींदार ने उनके बेटे को कथित रूप से उसका मल खाने और उसे पांच मीटर तक ढोने को मजबूर किया. बताया जा रहा है कि लड़के ने जमींदार की पट्टा जमीन पर मल त्याग किया था.

घटना कथित तौर से तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के पेन्नाग्राम में हुई.

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द न्यूज मिनट (TNM) की रिपोर्ट के मुताबिक, जमींदार की पहचान राजशेखर के रूप में हुई है और उसने कथित रूप से क्लास दसवीं के छात्र को जातिसूचक शब्द भी कहे. रिपोर्ट के मुताबिक, जमींदार ने लड़के को एक डंडे से मारा और उसे घर तक मल ढोने को कहा.

लड़के के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके आधार पर शेड्यूल्ड कास्ट्स और शेड्यूल्ड ट्राइब्स प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

15 जुलाई को काफी तेज बारिश हो रही थी और मेरे बेटे ने खुले में शौच करने के लिए मुझसे छाता मांगा. हमारे घर में केंद्र सरकार का बनाया हुआ टॉयलेट है लेकिन पानी नहीं है, इसलिए खुले में जाना पड़ता है. उस दिन भी मेरा बेटा राजशेखर की जमीन में खुले में शौच कर रहा था, जब राजशेखर वहां से गुजरा. बच्चे को देखते ही राजशेखर गाड़ी से उतरा और मेरे बेटे को डंडे से मारना शुरू कर दिया. 
लड़के के पिता ने TNM को बताया

पिता ने कहा, "राजशेखर ने मेरे बेटे से मल खाने को कहा क्योंकि वो उसकी जमीन पर शौच कर रहा था. उसने मेरे बेटे को जातिसूचक शब्द भी कहे और बच्चे को अपने हाथों से मल उठाने को कहा."

पिता का कहना है कि रास्ते से गुजरने वाले लोगों ने मदद करने की कोशिश की थी, लेकिन राजशेखर ने ऐसा करने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि बच्चा घटना के बाद से कुछ खा नहीं पा रहा है.

पुलिस ने राजशेखर के खिलाफ IPC के सेक्शन 323 (नुकसान पहुंचाने की सजा) और SC-ST एक्ट के सेक्शन 3 (1) (i) के तहत केस दर्ज किया है.

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