तमिलनाडु के त्रिची जिले के जियापुरम में पेरियार की एक मूर्ति को भगवा पेंट से रंग दिया गया. ये घटना जियापुरम के समथुवापुरम में हुई है. निवासियों ने 27 सितंबर की सुबह मूर्ति को भगवा पेंट में रंगा देखा. उन्होंने इस बात की शिकायत तुरंत रामजी नगर पुलिस स्टेशन में की. घटना की जांच शुरू हो गई है.
एक जांच अधिकारी ने कहा, "घटना सुबह करीब 3.30 बजे हुई लेकिन इलाके में कोई CCTV नहीं है. इसका मतलब है कि हम इसके लिए जिम्मेदार लोगों की तुरंत पहचान नहीं कर पाएंगे. हालांकि हमने जांच शुरू कर दी है."
जांच अधिकारी ने द न्यूज मिनट (TNM) को बताया कि समथुवापुरम में पिछले कई महीनों से तनावपूर्ण घटनाएं हुई हैं. कई रिपोर्ट्स का कहना है कि शरारती तत्वों ने मूर्ति को चप्पलों का हार भी पहनाया.
अधिकारी ने बताया कि कुछ समय पहले समथुवापुरम के कुछ लोगों के एक समूह ने विनायकर की एक मूर्ति गांव में रख ली थी, जिसकी वजह से तनाव फैल गया था क्योंकि परिसर में भगवान की तस्वीरें और मूर्तियों की इजाजत नहीं है. अधिकारी का कहना है कि ये मामला कुछ ही समय पहले सुलझा था.
समथुवापुरम ऐसी जगहें हैं, जहां निवासी जाति और धर्म-आधारित किसी भेदभाव के बिना रहते हैं. इस स्कीम का ऐलान 1997 में DMK की सरकार ने किया था. इसका मकसद लोगों के बीच समानता को बढ़ावा देना था. DMK के लिए पेरियार एक महत्वपूर्ण प्रतीक हैं, जिन्होंने जाति-विरोधी आंदोलन की अगुवाई की थी और वैचारिक बदलावों के लिए राह बनाई थी.
हालांकि, पेरियार की मूर्ति के साथ छेड़छाड़ होना तमिलनाडु में कोई नई घटना नहीं है. पिछले दो सालों में कई जिलों में दक्षिणपंथी समूहों और शरारती तत्वों ने ऐसी कई घटनाओं को अंजाम दिया है.
DMK सांसद कनिमोझी ने घटना की निंदा की है और ट्विटर पर लिखा कि 'भगवा पेंट से पेरियार का अपमान किया गया.' कनिमोझी ने लिखा कि बीजेपी तमिलनाडु के अध्यक्ष एल मुरुगन ने पेरियार के जन्मदिन पर कहा था कि वो ऐसे नेता थे जिन्होंने समाज के लिए काम किया था और बीजेपी को उनका सम्मान करने में कोई दिक्कत नहीं है.
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